सपनों को पूरा करने की कोई उम्र नहीं होती ये साबित कर दिखाया है महाराष्ट्र के चंद्रपुर की रहने वाली कल्पना देवीदास मांडल्वे ने। वो महिला जिसने ये साबित कर दिखाया कि पढ़ने की कोई उम्र नहीं होती है। महाराष्ट्र की रहने वाली कल्पना ने अपने पढ़ाई करने के सपने को पूरा किया वो भी अपनी दोनों बेटियों के साथ। दरअसल कल्पना ने हाल ही में 12वीं की परीक्षा अपनी दो जुड़वा बेटियों के साथ दी। जिसमें कल्पना ने 58% अंक हासिल लिए।
कम उम्र में हुई थी शादी
खबरों की माने तो कल्पना का हमेशा से पढ़ाई में रूझान था लेकिन बहुत कम उम्र में उनकी शादी हो गई जिसकी वजह से उन्हें पढ़ाई छोड़नी पड़ी लेकिन चाहे कल्पना ने पढ़ाई छोड़ दी हो लेकिन पढ़ाई की लगन कभी नहीं छूटी और कुछ करने का ज्जबा रखने वाली कल्पना ने अपनी बेटियों के साथ ही पढ़ने का सोचा और पहले कल्पना ने 10वीं में इडमिशन ली और परीक्षा पास की औैर अब इसी साल बेटियों के साथ उन्होंने 12वीं की परीक्षा 58 प्रतिशत नंबरों से पास की। वहीं मां की इस सफलता से दोनों बेटियां भी बहुत खुश है और उन्हें अपनी मां की इस सफलता पर गर्व है।
10वीं फेल होने के मिलते थे ताने
कल्पना को अकसर 10वीं फेल होने के ताने मिलते थे जिसकी वजह से वो दोबारा पढ़ना चाहती थी और 10वीं की परीक्षा को पास करना चाहती थी और इसी वजह से कल्पना ने एडमिशन लिया और परीक्षा पास भी की। आपको बता दें कि कल्पना आंगनबाड़ी में काम करती है और उनके पति एक प्राइवेट कंपनी में काम करते हैं। कल्पना का एक ही सपना है कि वो टीचर बने।