अचानक से आंखों के आगे काले-काले धब्बे दिखने लगते हैं... सिर का आधा हिस्सा तेजी से फड़कने लगता है तो यह लक्षण माइग्रेन के हैं। सिरदर्द भी कई तरह के होते हैं उन्ही में माइग्रेन भी शामिल है। माइग्रेन में आधे सिर में तेज दर्द होता है जो कई घंटों तक लगातार रह सकता है।
महिलाएं हैं ज्यादा शिकार
एक स्टडी के मुताबिक, भारत में 15 करोड़ लोग इसकी गिरफ्त में है और महिला इसकी ज्यादा शिकार हैं। जहां पुरुष इसके 24 फीसदी शिकार हैं वहीं महिलाएं 76 फीसदी है। चिकित्सकों के अनुसार, सेरोटोनिन में असंतुलन की वजह से माइग्रेन शुरु होता है। जिनके परिवार में माइग्रेन का इतिहास हो, उन्हें इसकी आशंका ज्यादा होती है।
महिलाओं को क्यों होती है समस्या?
हालांकि पीरियड्स, मेनोपॉज और प्रेग्नेंसी के दौरान महिला के शरीर में कई तरह के हार्मोंनल बदलाव होते हैं इससे भी माइग्रेन का दर्द शुरू हो सकता है। पानी कम पीने, विटामिन्स की कमी, ज्यादा शोर, तेज रोशनी व धूप, तेज गंध वगैरह से भी माइग्रेन का दर्द शुरू हो सकता है।
महिलाओं का बर्थ कंट्रोल पिल्स खाना, गलत समय पर सोना जागना, बहुत ज्यादा शारीरिक काम व थकान भी इसकी वजह हो सकती है। एक अध्ययन के मुताबिक, बहुत ज्यादा कैफीन का सेवन करने वाले यदि अचानक इसका सेवन बंद कर दें तो माइग्रेन की चपेट में आ सकते हैं। बहुत से लोगों को माइग्रेन की समस्या इतनी बढ़ जाती है कि मितली जी मचलाने की समस्या भी आती है। आंखों के नीचे काले घेरे, गुस्सा चिड़चिड़ापन भी इसी के ही लक्षण हैं।
इसमें आपको क्या नहीं करना ...
माइग्रेन से पीड़ित हैं, तो पनीर, चॉकलेट, कैफीन, शराब आदि से परहेज करें। खट्टे फल ना खाएं।
किन चीजों का सेवन करना है...
हरी पत्तेदार सब्जियां और फल खाएं। बथुआ, अंजीर, आंवला, अनार, अमरूद, सेब आदि ज्यादा लें।
-ओमेगा-3 फैटी एसिड और विटामिन-बी लें।
-दिन में 8 से 10 गिलास पानी पीएं।
-ज्यादा नमक वाली चीजें कम खाएं।
- सही समय पर सोएं और पूरी नींद लें।
- ज्यादा शोर वाली जगहों पर जाने से बचें।
- रोशनी की जगमगाहट और तेज धूप से बचें
काम के घरेलू उपाय
- दर्द हो तो बिस्तर पर लेटकर सिर को बेड से थोड़ा नीचे लटकाएं और जिस हिस्से में दर्द हो, उस तरफ की नाक में सरसों के तेल या गाय के घी की तीन-चार बूंदें टपकाएं।
- दर्द वाले हिस्से में पिपरमिंट तेल की मालिश करने से राहत मिलती है।
- सिर, गर्दन और कंधों की मालिश कराएं।
- सिर, माथे और गर्दन पर तौलिया में बर्फ रखकर सिंकाई करें।
-माइग्रेन के रोगियों के लिए योग और प्राणायाम बड़े काम के साबित हो सकते हैं।पद्मासन, हलासन, मत्स्यासन और शवासन माइग्रेन में विशेष लाभ पहुंचाते हैं। प्राणायामों में कपालभाति, अनुलोम-विलोम, भ्रामरी करें।
आयुर्वेद विशेषज्ञों के अनुसार, खास जड़ी-बूटी से तैयार काढ़ा और तेल से इस रोग का इलाज किया जाता है। गुनगुना काढ़ा व तेल माथे के बीचो-बीच डाला जाता है। 15 से 20 मिनट की प्रक्रिया से मरीज को राहत मिलती है। यह प्रक्रिया 25 से 30 दिन चलती है। इससे पहले शरीर को शुद्ध करने के लिए स्टीम बाथ समेत दूसरी प्रक्रियाएं भी की जाती हैं। तकलीफ ज्यादा हो, बार-बार हो, तो डॉक्टर जांच जरूर करवाए।