समाज भले ही आगे बढ़ गया हो लेकिन फिर भी आज महिलाओं की स्थिति कई इलाकों में दयनीय है। कम्र उम्र में ही महिलाओं की शादी हो रही है जिसके कारण वह डिप्रेशन और आत्महत्या की शिकार हो रही है। लैसेंट जर्नल में प्रकाशित हुए एक अध्ययन के अनुसार, कम उम्र में नवविवाहित महिलाओं में डिप्रेशन होने की संभावना अविवाहित महिलाओं से भी ज्यादा होती है। इसके अलावा ऐसी महिलाएं आत्महत्या करने की भी कोशिश करती हैं। यह अध्ययन ऑस्ट्रेलिया और भारत के रिसचर्स के द्वारा किया गया है। अध्ययन मड्रोक चिल्ड्रन रिसर्च इंस्टीट्यूट पब्लिक हैल्थ फाउंडेशन ऑफ इंडिया मेलबर्न विश्वविद्यालय के रिसर्चस ने किया है।
नवविवाहित महिलाएं है मानसिक तनाव की शिकार
यह सर्वे शोधकर्ताओं ने दो बार किया। इस सर्वे में यह पाया गया कि नवविवाहित महिलाओं के अवसादग्रस्त होने की संख्या अविवाहितों से बहुत ज्यादा थी। 16.3 फीसदी महिलाएं में अवसाद के लक्षण थे इसके अलावा जो महिलाएं अविवाहित थी उनमें अवसाद से सिर्फ 9.1 फीसदी महिलाएं ही ग्रस्त थी। इसके अलावा अध्ययन में यह भी सामने आया कि नवविवाहित महिलाओं के मन में आत्महत्या के विचार ज्यादा आते हैं। अविवाहित महिलाओं में 5.3 फीसदी महिलाओं के मन नहीं आत्महत्या का विचार आता। शोधकर्ताओं के अनुसार 2015-16 से 2018-19 के बीच करीबन 1825 महिलाओं की शादी हो गई थी।
करीबन आधी महिलाएं हुई दुर्व्यवहार का शिकार
शोध के मुताबिक, करीबन 20 फीसदी महिलाएं भावनात्मक शोषण, 24% महिलाएं शारीरिक शोषण और 36.2% ने यौन शोषण की शिकायत की। दुर्व्यवहार का सामना करने वाले महिलाओं में करीबन 58.5% डिप्रेशन के गंभीर लक्षण नजर आए थे।
दो बार हुआ अध्ययन
आपको बता दें कि शोधाकर्ताओं ने दो बार अध्ययन किया है। 2015-16 और 2018-19 में करीबन 7864 महिलाओं पर अध्ययन किया गया है। जिनमें से नवविवाहित महिलाएं डिप्रेशन की शिकार होने की संभावना गैर शादीशुदा से कहीं ज्यादा थी।
यूपी बिहार की महिलाओं पर किया गया सर्वे
शोधकर्ताओं ने यह सर्वे 7864 यूपी बिहार की महिलाओं पर सर्वे किया। यूपी बिहार की महिलाओं पर सर्वे इसलिए किया गया क्योंकि यहां पर महिलाओं की शादी कम उम्र में ही कर दी जाती है। नेशनल फैमिली हैल्थ सर्वे 2019-20 के अनुसार, बिहार में करीबन 40.3% लड़कियों की शादी 18 साल से भी कम की उम्र में कर दी जाती है। जबकि वहीं दूसरी ओर यूपी में 18.8% लड़कियों की शादी कम्र उम्र में कर दी जाती है।