नारी डेस्क: आंध्र प्रदेश के तिरुपति जिले से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जिसने पूरे देश को हिला दिया है। यहां एक मां ने अपनी ही बेटी की जान ले ली, और इसकी वजह ऐसी थी, जिसे सुनकर किसी को विश्वास नहीं हो सकता। बेटी ने एक दूसरी जाति के लड़के से प्रेम किया था, और इसी वजह से मां ने अपनी बेटी की जान ले ली।
क्या था पूरा मामला?
मामला एक 16 साल की लड़की और 20 साल के लड़के के बीच प्रेम संबंधों से जुड़ा हुआ है। दोनों के बीच पिछले तीन साल से प्यार था, लेकिन उनके परिवारों ने जातिगत अंतर के कारण इस रिश्ते को स्वीकार नहीं किया। इसके बावजूद, दोनों ने 2024 में शादी कर ली, जो परिवार की मर्जी के खिलाफ थी। शादी के कुछ महीनों बाद, जब लड़की गर्भवती हुई, तो मां का गुस्सा बढ़ गया।
मां ने की बेटी की हत्या
मां को यह बात सहन नहीं हुई और उसने बेटी के पति के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज करवा दी, जिसके बाद युवक को POCSO एक्ट के तहत गिरफ्तार कर लिया गया। लेकिन लड़की अपने पति से मिलने जेल जाती रही, जिसे मां ने नापसंद किया। फिर उसने अपनी बेटी का जबरदस्ती गर्भपात करवा दिया। इसके बावजूद लड़की अपने पति से मिलती रही, और इस कारण मां का गुस्सा इतना बढ़ गया कि उसने बेटी की जान ले ली।

मां का गुस्सा और दर्दनाक हत्या
पुलिस के अनुसार, एक दिन मां ने अपनी बेटी को गोद में बिठाया और उसके नाक और मुंह को अपने हाथों से दबा कर मार डाला। बेटी तड़पती रही, लेकिन मां का गुस्सा शांत नहीं हुआ और कुछ ही मिनटों में लड़की की जान चली गई।
मां ने शव को जलाने की कोशिश की
हत्या के बाद, मां ने शव को स्वर्णमुखी नदी के किनारे ले जाकर जलाने की कोशिश की। इतना जल्दी किया गया अंतिम संस्कार गांव वालों को अजीब लगा और 9 अप्रैल को एक राजस्व अधिकारी ने पुलिस को इसकी सूचना दी।
मां ने किया सरेंडर
हत्या के बाद मां फरार हो गई थी, लेकिन अपराधबोध और पछतावे के कारण उसे चैन से जीने नहीं दिया। शुक्रवार को उसने एक गांव के बुजुर्ग के सामने आत्मसमर्पण किया और अपना जुर्म कबूल किया। उसने बताया कि समाज के तानों और बदनामी के डर के कारण उसने यह खौफनाक कदम उठाया।
पुलिस ने की गिरफ्तारी
डीएसपी बेतापुडी प्रसाद ने इस घटना को बेहद दर्दनाक और अमानवीय करार दिया है। पुलिस ने मां को गिरफ्तार कर लिया है और मामले की गहन जांच की जा रही है।
यह घटना समाज में जातिवाद और परिवारिक दबाव के कारण एक निर्दोष लड़की की जान जाने का उदाहरण बन गई है।