पुराने जमाने में बॉलीवुड की खूबसूरत हीरोइनों में आशा पारेख का नाम भी शामिल है। आज भी उनके चाहने वालों की कमी नहीं है। एक जमाना था जब वह अपने समय की सबसे महंगी एक्ट्रेस थीं। 5 फीट 3 इंच लंबी आशा पारेख का जन्म 2 अक्टूबर 1942 को हुआ था। गुजराती परिवार में जन्मी आशा की मां सुधा उर्फ सलमा एक बोहरा मुस्लिम थीं और पिता बचूभाई पारेख, हिंदू गुजराती थे। वह डॉक्टर बनने का सपना देखती थी हालांकि वह डांस की भी शौकीन थी। उनके इसी शौक को पूरा करने के लिए उनके पिता ने उन्हें पंडित बंसीलाल भारती से शास्त्रीय नृत्य कला की ट्रेनिंग दिलाई। बस डांस में ट्रेन हुई आशा बचपन में ही स्टेज शो करने लगी थी वहीं से मशहूर डायरेक्टर बिमल रॉय की नजर उन पर पड़ी और उन्होंने 10 साल की आशा को फिल्म में पहला ब्रेक दिया लेकिन वो फिल्म नहीं चली और आशा वापिस पढ़ाई में व्यस्त हो गईं।
1959 में रिलीज हुई फिल्म ने बनाया था रातों-रात स्टार
फिर उसके बाद उन्हें 16 साल की उम्र में मौका मिला लेकिन सही कामयाबी उन्हें साल 1959 में रिलीज़ हुई फिल्म ‘दिल देके देखो’ ने उन्हें रातों-रात स्टार बना दिया था जिसे डायरेक्टर नासिर हुसैन ने डायरेक्ट किया था। उसके बाद नासिर हुसैन साहब के निर्देशन में उनकी 6 फिल्में आई और सभी हिट ही रही इस तरह से नासिर और उनके बीच एक खास बॉन्डिंग बन गई। हर तरह का रोल आशा पारेख ने निभाया और राजेश खन्ना के साथ शक्ति सामंत निर्देशित फिल्म ‘कटी पतंग’ बहुत स्पेशल रही जिसने उन्हें फिल्मफेयर का बैस्ट ऐक्ट्रेस अवॉर्ड दिलवाया।
लेकिन पर्सनल लाइफ में आशा पारेख एक समय इतना दुखी हो गई थी कि आत्म-हत्या करना चाहती थी। दरअसल, माता-पिता की वह इकलौती संतान थी और जब माता-पिता का देहांत हो गया तो वह बहुत अकेली पड़ गई थीं और आत्म हत्या तक करना चाहती थीं लेकिन उन्हें अपने फ्रेंड, फिलॉसफर और गाइड नासिर हुसैन से इमोशनल और मेन्टल सपोर्ट मिला। दरअसल माता-पिता के बाद नासिर ही वो शख्स थे जिनको वो बहुत ज्यादा प्यार करती थी और केयर करती थीं।
बसा बसाया घर नहीं करना चाहती थी बर्बाद
आशा ने सच्चे दिल से नासिर साहब से ही मोहब्बत की लेकिन उनसे कभी शादी करने का नहीं सोचा क्योंकि नासिर हुसैन पहले से ही शादी-शुदा थे और आशा किसी का बसा बसाया घर बर्बाद नहीं करना चाहती थीं लेकिन आशा किसी और की भी नहीं हो पाई क्योंकि वह किसी और से प्यार ही नहीं कर पाई और उन्होंने ताउम्र ऐसे ही कुंवारे रहने का ही फैसला किया
इंटरव्यू के दौरान शादी से जुड़े सवाल पर जवाब देते हुए उन्होंने कहा था-
‘मेरी जिंदगी का सबसे अच्छा निर्णय है सिंगल रहना। मैं एक शादीशुदा आदमी से प्यार करती थी लेकिन मैं नहीं चाहती थी कि मैं कोई घर तोड़ने वाली औरत बनूं तो मेरे पास एक यही चॉइस थी कि मैं सिंगल रहूं और मैंने अपनी पूरी जिंदगी ऐसे ही गुज़ारी है।’
अपनी बायोग्राफी में उन्होंने कहा कि उन्हें अपनी सेल्फ रिस्पेक्ट को सबसे पहले चुना। वह प्यार करती थी लेकिन किसी का घर भी नहीं तोड़ना चाहती थीं हालांकि उन्होंने एक बच्चे को जरूर गोद लेना चाहा था लेकिन उनका वो सपना भी अधूरा रह गया दरअसल, जिस बच्चे को वह गोद लेना चाहती थी, वह कई बीमारियों से ग्रस्त था इसलिए डाक्टरों ने उन्हें इसकी अनुमति देने से मना कर दिया था। इस पर भी उन्होंने कहा था कि शादी करना और मां बनना उन्हें अच्छा लगता लेकिन ऐसा नहीं होना था। हालांकि कहा जाता है कि आशा की मां ने उनके लिए दूल्हे तलाशना जारी रखा था और अमेरिका के एक भारतीय प्रोफेसर से उनकी शादी की बात तय भी हो गई थी लेकिन सुनने में आया था कि वो प्रोफेसर अपनी गर्लफ्रैंड को छोड़ने के लिए तैयार नहीं था जिसके बाद उन्होंने शादी कैंसिल कर दी थीं।
फिलहाल आशा जी अपनी डांस एकेडमी कारा भवन व अपने नाम पर मुंबई में बने अस्पताल चलाने में व्यस्त रहती हैं। वहीं अपनी बेस्ट फ्रैंड वहीदा रहमान और हैलेन के साथ वक्त भी गुजारती हैं। उन्हें अक्सर रिएलिटी शो में भी देखा जाता है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने करियर में बेशुमार पैसा भी कमाया था। उनकी कुल संपत्ति लगभग 23.5 मिलियन डॉलर बताई जाती है। इसके आलावा उनके पास कई महंगी गाड़ी सहित मुंबई में आलीशान घर भी हैं।फिल्म इंडस्ट्री में उनके योगदान के लिए उनको फिल्मफेयर लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड मिला। उन्होंने सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष के तौर पर भी बिना तनख्वाह के अपनी सेवाएं भी दीं। 1992 में भारत सरकार ने सिनेमा में उनके योगदान के लिए पद्मश्री से सम्मानित किया।
आपको आशा पारेख की दिलचस्पी जीवनी कैसी लगी हमें बताना ना भूलें।