एक्टर सुशांत सिंह राजपूत के निधन से बॉलीवुड में भाई-भतीजावाद का मुद्दा फिर से गर्मा गया है। कई बड़े सेलेब्स इस मुद्दे को लेकर अपनी भड़ास निकाल रहे हैं। पहले कंगना रनौत ने बाॅलीवुड इंडस्ट्री पर निशाना साधा फिर रेसलर बबीता फोगाट और अब बिग बॉस 13 की कंटेस्टेंट कोएना मित्रा ने इस मामले पर बॉलीवुड को जमकर लताड़ लगाई है।
बाहरी व्यक्ति जैसा किया जाता था ट्रीट
एक इंटरव्यू में कोएना ने कहा, 'सुशांत काफी तेज और हैंडसम एक्टर था। उसकी कुछ फिल्में बेहतरीन और सफल थी। मैंने पढ़ा है कि इसके बावजूद उसे हमेश एक बाहरी व्यक्ति जैसा ट्रीट किया जाता था। न ही उसे शादी में और न ही पार्टियों में बुलाया जाता था। फिल्म इंडस्ट्री में वह पहला शख्स नहीं था, जिसने ऐसा अनुभव किया है। जब तक आप स्टारकिड या फिल्म इंडस्ट्री में एक्टिव लोगों के परिवार से नहीं है तो बॉलीवुड आपको परिवार की तरह ट्रीट नहीं करेगा।'
प्रियंका चोपड़ा को भी करना चाहते थे खत्म
कोएना ने आगे कहा, 'जो लोग सुशांत की मौत पर शोक व्यक्त कर रहे हैं, वे उनका मजाक उड़ाते थे क्योंकि वह टीवी स्टार थे। हमारी इंडस्ट्री में डिस्क्रिमिनेशन होता है। अगर आप फैशन इंडस्ट्री से हैं तो मॉडल्स कुछ नहीं करते लेकिन अगर आप टीवी इंडस्ट्री से हैं तो लोग कहते हैं कि तुम्हारा स्टैंडर्ड नहीं है। जॉन अब्राहम, सुष्मिता सेन और प्रियंका चोपड़ा को भी यह सब फेस करना पड़ा था। कुछ साल पहले कई लोग प्रियंका को खत्म करना चाह रहे थे लेकिन वह स्मार्ट थीं। वह इन सबसे बाहर निकलीं और अच्छा करने लगीं।'
इंडस्ट्री में रोटी छीनने वाले कई लोग
कोएना आगे कहती हैं, 'मैं उसे कायर नहीं कहूंगी। कोई नहीं जानता कि उस पर क्या बीत रही थी। वो इसे झेल नहीं सका लेकिन कोई उसे कमजोर नहीं कह सकता है। शायद वह बेहद गुस्से में था और जानता था कि गुस्सा जाहिर करने का कोई फायदा नहीं है। बॉलीवुड में अब कला की कोई जगह नहीं है। अब यहां केवल फैशन और लाइफस्टाइल ही पॉपुलर है। यहां पर ग्रुपिज्म और दोस्ती चलती है, जहां दोस्त आपके लिए फ्री में काम करते हैं। इंडस्ट्री में आपकी रोटी छीनने वाले कई लोग है। ये अपने कैंप को फेवर देने के लिए आपके मुंह से आखिरी निवाला भी छीन लेंगे और आपको भूखा छोड़ देंगे।'
इंडस्ट्री में कई विवेक ओबरॉय हैं
इसके अलावा सुशांत की मौत के बाद अनुभव सिन्हा के ट्वीट का जवाब देते हुए कोएना ने लिखा था, 'विवेक ओबरॉय बच गया, लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि हर कोई बच जाए। दुख की बात ये है कि यहां कई विवेक हैं।'