अभिनेत्री एवं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की नव निर्वाचित सांसद कंगना रनौत को कथित तौर पर थप्पड़ मारने की घटना के बाद पूरे देश में बवाल मच गया हे। जहां किसान सीआईएसएफ की महिला कांस्टेबल के प्रति एकजुटता प्रदर्शित कर रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ भाजपा इस मामले में सख्त से सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। आज हम इस आर्टिकल के जरिए बताना चाहते हैं कि इस तरह का कदम उठाने की नौबत कब पैदा होता है।
वर्दीधारियों से की जाती है कई उम्मीदें
यात्री अक्सर हवाई अड्डों पर सुरक्षा कर्मियों की सामान्य लापरवाही को लेकर शिकायत करते हैं। वे वास्तव में अपनी नौकरियों की दोहराव से ऊब चुके हैं या शायद सुरक्षा जांच के लिए आवश्यक गहन एकाग्रता से थक गए हैं, इस कारण कई बार सुरक्षा का उल्लंघन हो जाता है। लोग अकसर वर्दीधारियों को उच्च मानकों पर रखते हैं और उनसे अपेक्षा करते हैं कि वे संयम के साथ काम करें। अगर किसी कारण पुलिस को हिंसा का रास्ता अपनाना पड़े तो उसका भी खूब विरोध किया जाता है।
सोशल मीडिया पर पोस्ट करने का नुकसान
यह थप्पड़ कांड उन लोगों के लिए भी एक चेतावनी के रूप में माना जाना चाहिए जो सोशल मीडिया पर जो कुछ भी महसूस करते हैं उसे पोस्ट करते हैं। इन्हें लाखों अज्ञात लोगों द्वारा देखा जाता है, जो इसे पोस्ट करने वाले से जुड़ाव महसूस करते हैं, चाहे वह सेलिब्रिटी हो या गैर-मौजूदा सेलेब्रिटी। जो कोई भी सार्वजनिक मंच पर विचारहीन या निर्दयी राय पोस्ट करता है, उसे रानौत के साथ जो हुआ उसका सामना करने का जोखिम उठाना पड़ता है।
कुछ भी करने से पहलें करें विचार
भले ही कोई रानौत के पोस्ट या व्यक्तित्व के बारे में कुछ भी सोचता हो, सीआईएसएफ महिला को यह पसंद नहीं आया और उसने शब्दों की बजाय थप्पड़ के जरिए अपनी भड़ास निकाली। हालांकि हम किसी का भी पक्ष नहीं ले रहे हैं, बस हमारा ये कहना है कि सोशल मीडिया पर कुछ भी लिखने से पहले ये बात सोचनी चाहिए कि इससे कोई आहत ना हो और वहीं सीआईएसएफ महिला की बातें करें तो अपना गुस्सा निकालने का यह तरीका सही नहीं है।
थप्पड़ मारना सही नहीं
रिपोर्टों में कहा गया है कि चंडीगढ़ एयरपोर्ट पर कंगना रनौत और महिला कर्मी के बीच मौखिक विवाद हुआ जिसके कारण वर्दीधारी सैनिक ने सांसद को थप्पड़ मार दिया। यह, किसी भी और सभी संदर्भों में अपमानजनक है और अस्वीकार्य व्यवहार। क्योंकि अनुशासन और कर्तव्य वर्दीधारी लोगों का धर्म है, चाहे स्थिति कितनी भी गंभीर हो या उकसावे की हो। सांसद का गुस्सा भी गलत नहीं है।
क्या कहा था कंगना ने
कंगना रनौत को कथित रूप से थप्पड़ मारने वाली केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) जवान कुलविंदर कौर का कहना है कि '' उन्हें नौकरी की फिक्र नहीं है, मां की इज्जत पर ऐसी हजारों नौकरियां कुर्बान हैं। '' कुलविंदर कौर ने कंगना रनौत को उनकी एक पुरानी टिप्पणी को लेकर थप्पड़ मारा, जिसमें उन्होंने किसान आंदोलन के दौरान 2020-21 में दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन पर बैठी महिला किसानों पर सौ-सौ रुपये लेकर धरने पर बैठने का आरोप लगाया था । सुश्री रनौत ने घटना के बाद जारी अपने वीडियो बयान में यह टिप्पणी कर फिर विवाद पैदा कर दिया कि पंजाब में आतंकवाद और उग्रवाद बढ़ रहा है और उसे लेकर कुछ करना पड़ेगा ।