सोशल मीडिया की दुनिया में इंस्टाग्राम एक ऐसा प्लाटफॉर्म बन गया है जहां बड़ों से लेकर बच्चों तक अपनी वीडियोज बनाकर अपलोड करते हैं। मगर, हाल ही में फेसबुक रिसर्च ने एक चौंकाने वाला खुलासा किया है, जिसके मुताबिक, इंस्टाग्राम बच्चों को मानसिक तौर पर बीमार कर रहा है। ऐसे में अगर आपके भी इंस्टाग्राम यूज कर रहे हैं तो थोड़ा अलर्ट हो जाएं।
बच्चों के लिए बेहद खतरनाक Instagram
एक रिपोर्ट के अनुसार, फेसबुक के स्टडी ने कहा कि इंस्टाग्राम किशोरों व यंग यूजर्स की सेहत को प्रभावित कर रहा है, जिसमें सबसे ज्यादा संख्या लड़कियों की है। इंस्टाग्राम बच्चों को इस कद्र प्रभावित कर रहा है कि उन्हें आत्महत्या तक के ख्याल आने लगते हैं। करीब 13% ब्रिटिश और 6% अमेरिकी यूजर्स ने इंस्टाग्राम पर सुसाइड के टॉपिक को सर्च भी किया है।
सुंदर दिखने के चक्कर में बीमार हो रहे बच्चें
अमेरिका के 32% लड़कियों और 14% लड़कों का मानना है कि इंस्टाग्राम उन्हें बाॅडी को लेकर काफी बुरा महसूस करवाता है। इसका सबसे बड़ा कारण है मेकअप। कम उम्र के बच्चे सुदंर दिखने की चाह में डिप्रेस्ड हो जाते हैं। शोध के मुताबिक, इंस्टाग्राम हर 3 में से 1 लड़की में बॉडी इमेज को बदतर बनाता है। वहीं, ऐप में पर बेहतरीन तस्वीरें और तुरंत पोस्ट करना कम उम्र वालों के लिए नशे की तरह बन गया है। बच्चे अपनी हर छोटी से छोटी बात को इंस्टाग्राम पर शेयर करना चाहते हैं।
कम उम्र के बच्चों के लिए बनेगा इंस्टाग्राम का नया वर्जन
खबरों के मुताबिक, फेसबुक 13 साल से कम उम्र के किशोरों लिए इंस्टाग्राम का नया वर्जन बना रहा है। यह नया वर्जन किशोरों के लिए कई सेफ एक्सपीरियंस के साथ लॉन्च किया जाएगा। वहीं, इंस्टाग्राम ने बच्चों की सुरक्षा को गंभीरता से लेते हुए कड़े कदम भी उठाएं है।
मानसिक स्वास्थ्य को नुकसान
बड़े-बुजुर्गों के मुकाबले 90% युवा इंस्टाग्राम से जुड़े हैं, जिसमें से 35% संख्या किशारों व बच्चों की है। अध्ययन की मानें तो इससे युवा पीढ़ी तनाव, डिप्रेशन, भूलने की आदत, अनिद्रा, एंग्जाइटी डिसऑर्डर और फियर ऑफ मिसिंग आउट जैसी मानसिक समस्याओं की चपेट में आ रही हैं।
आंखों पर भी बुरा प्रभाव
बच्चे सुबह उठने से लेकर रात को सोने तक मोबाइल में नजरें गढ़ाए रखते हैं, जिससे आंखों पर भी बुरा असर पड़ रहा है। इसके कारण आंखों में खुजली व लालगी, धुंधलापन, डार्क सर्कल्स,आंखों में सूजन जैसी समस्याएं काफी देखने को मिल रही है।
ऐसे करें बचाव
. बच्चों के लिए सोशल मीडिया के इस्तेमाल पर एक सीमित समय तय करें। आप चाहे तो इसके लिए रिमाइंडर लगा सकते हैं कि उन्हें दिन में कितना समय इसपर बिताना है।
. ध्यान भटकाने वाली गलत वेबसाइटों को ब्लॉक कर दें।
. सोने से पहले जमकर बच्चों को फोन व सोशल मीडिया से दूर रहें।
. किशोरों को रिश्तेदारों व दोस्तों के साथ ज्यादा समय बिताने के लिए कहें।
. मोबाइल की बजाए उन्हें आउटडोर एक्टिविटीज में हिस्सा लेने को कहें।