बदलते मौसम में बच्चे बहुत जल्द बीमार पड़ जाते हैं। आज हम चाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉक्टर निखार महाजन से जानेंगे बदलते मौसम में बच्चों को होने वाली बीमारियों और उनसे बचने के आसान उपाय।
पहला सवाल: बदलते मौसम में बच्चे किन बीमारियों के शिकार होते हैं?
मौसम में बदलाव आने पर बच्चे सबसे ज्यादा टाइफाइड, कोलोरा, हेपीटाइटिस, पेट खराब यानि दस्त, यूरीन में इंफेक्शन के ज्यादातर शिकार होते हैं। इन सब के अलावा डायरेक्ट धूप में जाने की वजह से सन बर्न और हीट स्ट्रोक की समस्या भी बच्चों में आम देखने को मिलती है। साथ ही बारिश वगैरा होने पर सड़कों पर खड़े पानी में पैदा होने वाले मच्छरों की वजह से बच्चों में आई इंफेक्शन, स्किन पर दाने और मलेरिया-डेंगू जैसी प्रॉब्लमस भी फेस करनी पड़ती है।
दूसरा सवाल: हर 15 दिन में कोल्ड क्यों?
हर 3 साल से कम उम्र के बच्चों को साल में 6 से 7 बार कोल्ड कफ जरुर होता है, क्योंकि बच्चों का इम्यून सिस्टम बड़ो के मुकाबले थोड़ा कमजोर होता है, जिस वजह से बच्चे जल्द इसकी चपेट में आ जाते हैं। मगर धीरे-धीरे यह समस्या कम होनी शुरु हो जाती है।
तीसरा सवाल: मां-बाप को क्या करना चाहिए?
बदलते मौसम में बच्चों की खास देखभाल जरुरी हो जाती है। मां-बाप को चाहिए कि गर्मियां शुरु होते ही बच्चे को ज्यादा से ज्यादा पानी पिलाएं। उनके कपड़े हमेशा साफ और धुले होने चाहिए, पसीने वाले कपड़े एक दिन से ज्यादा उन्हें न पहनाएं। कोशिश करें सॉफ्ट कॉटन के कपड़े ही बच्चे पहनें। धूप में जाने से पहले उन्हें कोई सन्सक्रीन लोशन जरुर लगाएं। घर का बना फ्रेश खाना खिलाएं, फ्रिज में पड़ा एक दिन से ज्यादा वाला खाना भी सेहत को नुकसान पहुंचाता है। ऐसे में बच्चों को इसे देने से भी सावधानी बरतें। बाजार से मिलने वाली सब्जियां और फ्रूट घर लाकर उन्हें अच्छे से वॉश करने के बाद ही खाएं। सबसे जरुरी बात, हर 2-3 घंटे के बाद बच्चे को अपने हाथ धोने की आदत जरुर डालें।
चौथा सवाल: कैसें बनाए बच्चों की इम्यूनिटी स्ट्रांग?
जितना हो बच्चे को प्रोटेक्टिव फूड्स दें, जैसे कि हरी सब्जियां, विटामिन्स युक्त आहार, मिनरल्स से भरी डाइट और हां साथ ही बच्चे के स्कूल बैग में एक हैंड सैनीटाइजर जरुर रखें। बच्चे को समझाएं कि हर 2-3 घंटे बाद इसके साथ अपने हाथ क्लीन जरुर करे।
पांचवा सवाल: क्यों होती है बच्चों में एलर्जी की समस्या?
बच्चो में ज्यादातर खाने से और स्किन से रिलेटिड एलर्जी देखने को मिलती है। सबसे पहले स्टेप, जिस चीज से बच्चे को एलर्जी है उस चीज से उसे दूर रखें। अगर बच्चे को सांस फूलने और नाक से जुड़ी कोई एलर्जी है तो बाहर जाते वक्त उसका मुंह जरुर कवर करवाएं। अगर समस्या बढ़ती जा रही है तो बच्चे को डॉक्टर के पास लेजाकर उसका अच्छे से चेकअप करवाएं।
छठा सवाल: बच्चों को खुद दवा देनी चाहिए या नहीं?
कई बार पेरेंट्स बीमार पड़े बच्चे की दवा लोकर कैमिस्ट से ले आते हैं। मगर ऐसा करना बच्चे की सेहत को और खराब कर सकता है। लोकर कैमि्सट की बजाय आपको बच्चे को डॉक्टर के पास ले जाना चाहिए। इस तरह खुद इलाज करने से बच्चे को दवाई साइड इफेक्ट कर सकती है।
सातवां सवाल: बच्चे की कैसी करें देखभाल?
असल में बच्चा सबसे ज्यादा अपने पेरेंट्स को फॉलो करता है। ऐसे में यदि आप चाहते हैं आपका बच्चा अच्छी-अच्छी बातें सीखें, तो सबसे पहले खुद की लाइफ में चेंज लाएं, जैसे कि यदि आप ज्यादा बाहर का खाते हैं तो जाहिर है बच्चा भी वही डिमांड ज्यादा करेगा। ऐसे में बच्चे को डांटने की बजाए उसके सामने वो काम करे ही नहीं, जिससे उसकी तबीयत पर असर हो। हेल्दी डाइट के साथ-साथ ध्यान रखें कि बच्चा अपनी नींद पूरी ले, बच्चा एक्सरसाइज भी जरुर करें और जितना हो सके उसे टी.वी. स्क्रीन से दूर रखें।
तो ये थे बदलते मौसम में बच्चों से जुड़ी कुछ खास बातें, जिन्हें ध्यान में रखकर आप उन्हें बीमार पड़ने से बचा सकते हैं।