रेलगाड़ी में सफर तो हर किसी ने किया होगा। मगर क्या आपने कभी टॉय ट्रेन में सफर किया है? इसमें सफर के दौरान आप बाहर की नेचुरल ब्यूटी को देखने का मजा ले सकते हैं। इसमें सैर करके आपको शांत व रोमांचक अनुभव होगा। चलिए आज हम आपको भारत की स्पेशल व विश्व धरोहर स्थल के रूप में घोषित टॉय ट्रेन के बारे में बताते हैं।
कालका-शिमला टॉय ट्रेन
कालका-शिमला भारत में बहुत ही कम परिचालन वाली टॉय ट्रेन में से एक मानी जाती है। यह ट्रेन चारों ओर हरी-भरी पहाड़ियों से जाती है। ऐसे में इसका नजारा देखकर हर किसी का मन खिल उठता है। बता दें, यह एक 96 कि. मी. का कालका-शिमला मार्ग का नैरो गेज ट्रेन ट्रैक है। इसमें करीब 103 सुरंग और लगभग 850 पुल हैं। इसमें आप करीब 5.5 घंटे की यात्रा करने का आनंद मना सकते हैं।
कांगडा वैली रेलवे
आप टॉय ट्रेन का मजा लेने के लिए कांगड़ा वैली रेलवे से भी यात्रा कर सकते हैं। भारत की यह ट्रेन पठानकोट व जोगिंद्रनगर के बीच नैरो गेज पर चलती है। इसके साथ यह पालमरपुर के कई पुलों व चाय के बागानों से निकलती है। ऐसे में आप बाहर के खूबसूरत व आकर्षित नजारों का मजा उठा सकते हैं। इस टॉय ट्रेन में आप धोलाधार रेंज का भव्य नजारा देख सकते हैं। यह गाड़ी पठानकोट जंक्शन से होकर ज्वालामुखी रोड, कांगड़ा, नगरोटा, पालमपुर, बैजनाथ और जोगिंद्रनगर रूट से गुजरती है।
दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे
अगर आप बर्फीली पहाड़ियों को देखने का लुत्फ उठाना चाहते हैं तो इसके लिए दार्जिलिंग हिमालयन टॉय ट्रेन की सैर करना बेस्ट रहेगा। आप इसमें बैठकर ऊंचे व सुंदर पहाड़, जिगजैग मोड़ और खड़ी ढाल को देखने का मजा ले सकते हैं। इसके साथ ही आप रास्ते में कंचनजंगा चोटी और दार्जिलिंग शहर देख सकते हैं। बता दें, दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे को यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल के रूप में घोषित किया है। ऐसे में यह भारत की सबसे अच्छी विरासत टॉय ट्रेन में से एक है।