दिग्गज एक्टर इरफान खान पिछले साल 29 अप्रैल को दुनिया को अलविदा कह गए। उनकी मौत कैंसर की वजह से हुई। इरफान खान की मौत का सबसे गहरा सदमा उनके परिवार को लगा। इरफान के बेटे बाबिल अक्सर अपने पिता को याद कर उनकी जिंदगी से जुड़े किस्से शेयर करते रहते है। पिता की पहली बर्थ एनिवर्सरी पर बाबिल ने बताया कि एक्टर को अपनी मौत का अहसास पहले ही हो गया था।
एक इंटरव्यू में बाबिल ने पिता के साथ बिताए आखिरी पल को याद करते हुए कहा, पापा के आखिरी शब्द थे, 'मैं मरने वाला हूं', मरने से दो-तीन दिन पहले वह अस्पताल में थे। वह अपना होश खो रहें थे।
आगे बाबिल कहते हैं, मैं जब उनसे मिलने अस्पताल गया तो उन्होंने मुझे देखा और मुस्कुराया और कहां- मैं मरने वाला हूं। उनकी बातें सुनकर मैंने कहा, आपको कुछ नहीं होगा। मेरी बातों को सुनकर वह फिर मुस्कुराये और वापस से सो गए।
कैंसर से पीड़ित थे इरफान खान
बता दें कि मौत से कुछ दिन पहले ही उन्हें मुंबई के कोकिलाबेन अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। उन्हें न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर था। इसका इलाज करवाने के लिए वह लंदन भी गए थे। इलाज के बाद उनकी सेहत में काफी सुधार आया और उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री में भी दोबारा एंट्री कर ली थी। कोलन इनफेक्श के चलते इरफान खान मुंबई के कोकिलाबेन अस्पताल में भर्ती हुए थे और यही पर उन्होंने अंतिम सांस ली।
जब इरफान कैंसर से जूझ रहे थे तो उनकी बीवी सुतापा सिकदर ने उन्हें संभाला। सुतापा सिकदर ने ना अपनी हिम्मत हारी और ना पति को टूटने दिया। बीमारी के वक्त 24 घंटों पति की सेवा में लगी रही, एक बार इरफान ने कहा भी था कि अगर उन्हें जीने का मौका मिलेगा तो वो पत्नी सुतापा के लिए जीना चाहेंगे क्योंकि बीमारी से पहले वो ना तो बच्चों को टाइम दे पाए थे और ना ही बीवी के साथ समय बिता पाए...बस काम में बिजी रहते थे जिस वजह से उन्होंने यह इच्छा जताई थी।
एक्टर नहीं बनना चाहते थे क्रिकेटर
करियर की बात करें तो इरफान खान क्रिकेट में अपना करियर बनाना चाहते थे लेकिन इसके लिए उनके परिवार वाले राजी नहीं थे। इसलिए उन्होंने एक्टिंग की दुनिया में कदम रखा। फिल्म सलाम बॉम्बे से उन्होंने फिल्मों में डेब्यू किया, जोकि ऑस्कर अवॉर्ड के लिए भी नॉमिनेट हुई थी। इरफान खान को अपनी बेहतरीन एक्टिंग के लिए कई अवार्ड्स से भी नवाजा गया था।