अपने जमाने में हर जवां दिलों की धड़कन देव आनंद भले ही इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन आज भी जब हिंदी सिनेमा के इतिहास का जिक्र होता है तो उनका नाम जरूर याद आता है। देव आनंद अपने जमाने के सबसे हैंडसम हीरो में से एक थे, उनकी झलक पाने के लिए लड़कियां अपनी छतों से कूद जाया करती थी। दमदार अभिनय से अलग पहचान बनाने वाले देव आनंद सिर्फ पर्दे में नहीं बल्कि असल जिंदगी में भी बेहद रोमांटिक थे। तभी तो उन्होंने फिल्म के लंच ब्रेक में शादी रचा ली थी।
देव आनंद ने खुद एक इंटरव्यू में इस बात का जिक्र किया था। उन्होंने बताया था कि मुझे और कल्पना कार्तिक को बाज़ी के सेट पर एक दूसरे से प्यार हो गया था। उन्होंने बताया कि जब मैंने कल्पना को कहा कि कल एंगेजमेंट करने जा रहे हैं तो उसने कहा, 'एंगेजमेंट नहीं.. सीधे शादी होगी। देव आनंद ने बताया था कि मैंने एक खूबसूरत रिंग भी पसंद कर ली थी लेकिन कल्पना ने सीधे शादी की जिद पकड़ ली थी।
'टैक्सी ड्राइवर' की शूटिंग के दौरान एक छोटा सा ब्रेक हुआ, कैमरामैन रात्रा को उस दौरान सैट पर लाइटिंग करनी थी। देव बाहर निकले और उससे पहले आंख मारकर कल्पना को इशारा किया, जिसके बाद वह भी बाहर आ गई। दोनों मैरिज रजिस्ट्रार के ऑफिस में गए रिंग पहनाई, मालाएं पहनीं और कर गई शादी। उसके तुरंत बाद दोनों फिर फिल्म के सैट पर पहुंच गए।
किसी को कानोंकान भनक तक नहीं हुई और दोनों फिर से अपना सीन शूट करने लगे। दरअसल कल्पना कार्तिक का असली नाम मोना सिंघा था। जब उन्होंने देवानंद और उनके भाईयों की कंपनी नवकेतन ज्वाइन की तो उन्हें कल्पना कार्तिक नाम दे दिया था। देवानंद और कल्पना की मुलाकात फिल्म बाजी के सेट पर हुई थी।
याद हो कि इससे पहले दौरान देव आनंद का झुकाव फिल्म अभिनेत्री सुरैया की ओर हो गया था। एक गाने की शूटिंग के दौरान देव आनंद और सुरैया की नाव पानी में पलट गई थी। उन्होंने हीरो की तरह अपनी हिरोइन को बचाया। इसके बाद सुरैया देव आनंद से बेइंतहा मोहब्बत करने लगीं लेकिन सुरैया की नानी की इजाजत न मिलने पर यह जोड़ी परवान नहीं चढ़ सकी।