कोरोना जैसी खतरनाक महामारी का प्रकोप अभी खत्म भी नहीं हुआ था कि नए इन्फ्लुएंजा वायरस H3N2 ने सबकी चिंता बढ़ा दी है। बढ़ता सर्दी, जुकाम और बुखार अब जानलेवा होता जा रहा है। इस इंफ्लुएंजा के कारण अब तक 6 लोग अपनी जान भी गंवा चुके हैं। रिपोर्ट्स की मानें तो कर्नाटक, पंजाब और हरियाणा में इस इंफ्लुएंजा के कारण मौते हुई हैं। एक्सपर्ट्स के अनुसार, बीते दो तीन महीनों में इंफ्लुएंजा वायरस के ए सबटाइप H3N2 के कारण सर्दी, खांसी और बुखार के मामलों में भी तेजी से बढ़ोतरी हुई है। पूरे भारत में H3N2 वायरस के कुल 90 केस हैं और वहीं दूसरी ओर H1n1 के करीबन 8 मामले रिपोर्ट किए जा चुके हैं।
कितनी तरह के होते हैं इंफ्लुएंजा
इंफ्लुएंजा तीन तरह के होते हैं H1N1, H3N2 और इंफ्लुएंजा B। इंफ्लुएंजा बी को यामा गाटा भी कहते हैं। भारत में अब तक करीबन दो तरह के इंफ्लुएंजा वायरस पाए गए हैं जो कि H1N1 और H3N2। इन दोनों वायरस में से ज्यादातर केस भारत में H3N2 के ही हैं।
इसके लक्षण
इंफ्लुएंजा के लक्षण कुछ इस प्रकार के हैं
. नाक बहना
. तेज बुखार
. खांसी
. सर्दी जुकाम
. फेफड़े में समस्या
. सिर दर्द
. गले में दर्द
किन लोगों को ज्यादा खतरा?
इंफ्लुएंजा वायरस किसी को भी घेर सकता है परंतु गर्भवती महिलाएं, 5 साल से कम उम्र के बच्चे, बुजुर्ग और किसी बीमारी से जुझ रहे व्यक्ति को यह वायरस प्रभावित कर सकता है। इसके अलावा हेल्थकेयर वर्क्रस भी इंफ्लुएंजा से संक्रमित हो सकते हैं।
कैसे करें बचाव?
मास्क पहनकर रखें, किसी भी भीड़भाड़ वाली जगह पर न जाएं, बार-बार अपनी आंख और नाक को हाथ न लगाएं, खांसते और छींकते हुए अपने मुंह और नाक को हमेशा ढककर रखें, बुखार और सिरदर्द होने पर पैरासिटामौल का सेवन जरुर करें।
इस बात का भी रखें ध्यान
. हाथों को अच्छी तरह पानी और साबुन से धोते रहें।
. किसी सार्वजनिक जगह पर भी बिल्कुल न थूकें।
. हाथ न मिलाएं।
. लक्षण दिखने पर डॉक्टर से संपर्क करके ही किसी एंटीबायटोक्सि या किसी अन्य दवाई का सेवन करें।
. हैल्दी खाना खाएं
. जो लोग इस इंफ्लुएंजा का शिकार हैं उनसे दूरी बनाकर रखें।