हिंदू धर्म में सिंदूर को विशेष स्थान दिया जाता है। इसे न सिर्फ सुहागिन महिलाएं अपनी मांग में भरती है, बल्कि पवित्रता का प्रतीक माने जाने वाले सिंदूर को पूजा- पाठ में भी इस्तेमाल किया जाता है। इसे लगाने से व्यक्ति को बहुत से लाभ मिलते हैं। धार्मिक ग्रंथों में इसे सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है। बात अगर हिंदू धर्म की करें तो पाठ-पूजा इसके बिना अधूरा माना जाने के कारण सिंदूर का हर समारोह में विशेष रूप से प्रयोग होता है। यह सुख-समृद्धि दिलाने के साथ सेहत को भी बरकरार रखने में मदद करता है। ऐसे में विज्ञान भी इसे बहुत महत्वपूर्ण मानता है।
मगर मलावटी सिंदूर को इस्तेमाल करने से बहुत से लोगों को खुजली व जलन होने लगती है। ऐसे में लोग इसे लगाने से परहेज रखते है। ऐसे में शुद्ध सिंदूर को ही खरीदना और लगाना चाहिए।
धार्मिक ग्रंथ से संबंध
सिंदूर को खास पौधे के बीज से बनाया जाता है। इस बीज का संबंध हिंदुओं के धार्मिक ग्रंथ रामायण से जुड़ा हुआ है। मान्यता है कि वनवास के दिनों में देवी सीता इसी बीज के पराग को अपनी मांग में सिंदूर के रूप में भरती थी। इसके साथ ही प्रभु श्रीराम को खुश करने के लिए संकटमोचन हनुमान ने भी इसी का लेप बनाकर अपने पूरे शरीर पर लगाया था। ऐसे में सुहागिन औरतों द्वारा इसे अपनी मांग में भरने से सुहाग की लंबी उम्र होने के साथ सुख व जीवन में खुशहाली भरा माहौल बना रहता है।
सुख, समृद्धि व सौभाग्य दिलाएं
अगर धार्मिक दृष्टि से देखा जाए तो इससे सौभाग्य और सुख मिलता है। रोजाना पाठ-पूजा करने के बाद इसे अपने माथे पर लगाने से पापों से मुक्ति मिलती है। बुरी नजर से बचाव रहता है। पहले के समय पर लोग घर पर ही इसका पौधा लगाते थे और खुद सिंदुर तैयार करते थे। मगर अब यह बाजारों में आसानी से मिल जाता है।
सेहत रखें बरकरार
ज्योतिषशास्त्र के अनुसार, रक्त से जुड़ी समस्या होने पर सिर से सात बार सिंदूर वार कर बहते पानी में प्रवाहित करने से सेहत पर सुधार आता है। इसके साथ ही जो लोग मानसिक परेशानी से पीड़ित हैं उन्हें सात दिन तक लगातार अपने पार्टनर के सिरहाने के नीचे थोड़ा सा सिंदूर रखना चाहिए। इससे जीवन में चल रही परेशानियां दूर हो सुख- शांति मिलती है।
वैज्ञानिक कारण
सिंदूर को लगाने के पीछे वैज्ञानिक कारण भी छिपे हैं। वैज्ञानिकों के अनुसार, इसे लगाने से अनिद्रा, सिर दर्द, चेहरे की झुर्रियां जैसी समस्याएं दूर होने के साथ स्मरण शक्ति बढ़ती है। साथ ही मानसिक शांति मिलती है। इसके साथ ब्लड प्रेशर तथा पीयूष ग्रंथि भी कंट्रोल में रहती है। अगर किसी का स्वभाव चिड़चिड़ा है तो उसे भी कम होने में मदद मिलती है।
एनर्जी बढ़ाएं
समुद्र शास्त्र के अनुसार अभागिन औरतों द्वारा सिंदूर लगाने से उनका दुर्भाग्य सौभाग्य में बदल जाता है। साथ ही उनके सभी दोषों का अंत हो जाता है। माना जाता है कि सिंदूर को नाक तक लंबा लगाने से पति की आयु लंबी होती है। साथ ही माथे के बीच से जो नस सिर तक जाती है वहां तक रक्त का संचार बेहतर तरीके से होता है। ऐसे में शरीर को खून सही तरीके व मात्रा में मिलने के साथ मांसपेशियों में मजबूती आती है। साथ ही दिनभर तरोताजा महसूस होता है।
ब्लड प्रेशर को करें कंट्रोल
सिर के जिस हिस्से पर सिंदूर लगाया जाता है उसे दिमाग की सबसे महत्वपूर्ण ग्रंथी माना जाता है। इसे ब्रह्मरंध्र कहा जाता है, जो कि बेहद ही कोमल और संवेदनशील होता है। ऐसे में इस स्थान पर रोजाना सिंदूर लगाने से दिमाग सक्रिय अवस्था में रहता है। इसके कारण तनाव कम हो शरीर में हल्का महसूस होता है। ऐसे में ब्लड प्रेशर भी नियंत्रण में रहने में मदद मिलती है।