
नारी डेस्क: अमेरिका में एक बेहतर भविष्य की तलाश में निकले पंजाब के जसपाल सिंह का सपना चकनाचूर हो गया। अमेरिका पहुंचने से पहले ही उन्हें सीमा पर गिरफ्तार कर लिया गया और वापस भारत भेज दिया गया। जसपाल के साथ 104 अन्य भारतीय भी निर्वासित किए गए, जिनमें 19 महिलाएं और 13 नाबालिग शामिल थे।
अमेरिका जाने के लिए 30 लाख रुपए गंवाए
पंजाब के फतेहगढ़ चूड़ियां के रहने वाले जसपाल सिंह ने अमेरिका जाने के लिए एक एजेंट को 30 लाख रुपये दिए थे। एजेंट ने उन्हें वैध वीजा और कानूनी तरीके से अमेरिका भेजने का भरोसा दिलाया था। जसपाल पहले यूरोप गए, फिर ब्राजील पहुंचे और आखिर में ‘डंकी’ रूट से अमेरिका जाने की कोशिश की। इस पूरी यात्रा में उन्हें छह महीने लग गए, लेकिन अंत में उन्हें अमेरिकी सीमा गश्ती दल ने पकड़ लिया।
अमेरिका में गिरफ्तारी और निर्वासन
अमेरिका में प्रवेश करने के बाद जसपाल सिंह को सीमा गश्ती दल ने 24 जनवरी को गिरफ्तार कर लिया। हिरासत में रहने के दौरान उन्हें और अन्य भारतीयों को हथकड़ी और पैरों में बेड़ियां पहनाई गईं। बुधवार को जसपाल समेत 104 भारतीयों को एक अमेरिकी सैन्य विमान से अमृतसर भेज दिया गया। हवाई अड्डे पर पहुंचने के बाद ही उनकी बेड़ियां हटाई गईं।
104 भारतीयों को किया गया निर्वासित
अमेरिका से निर्वासित किए गए 104 भारतीयों में 19 महिलाएं और 13 नाबालिग शामिल हैं। इनमें एक चार साल का बच्चा और दो लड़कियां (पांच और सात साल की) भी थीं। सभी निर्वासित लोगों को अमृतसर हवाई अड्डे से पुलिस वाहनों के जरिए उनके गृहनगर भेज दिया गया।
अवैध प्रवासियों के लिए सबक
जसपाल सिंह का यह अनुभव उन लोगों के लिए एक चेतावनी है, जो अवैध रूप से विदेश जाने का सपना देख रहे हैं। दलालों और एजेंटों के झांसे में आकर न केवल लोग अपनी गाढ़ी कमाई गंवा रहे हैं, बल्कि उन्हें गिरफ्तार होने और निर्वासित होने का भी खतरा बना रहता है। विशेषज्ञों का कहना है कि विदेश जाने की सोचने वालों को हमेशा कानूनी और सुरक्षित तरीकों से ही यात्रा करनी चाहिए।