
नारी डेस्क: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में एक अस्पताल में पति के विश्वासघात से नाराज एक महिला ने अपने नवजात बेटे को अपनाने से इनकार कर दिया और उसे स्तनपान कराने से भी मना कर दिया, जिससे अस्पताल के कर्मचारी असमंजस में पड़ गए। अधिकारियों ने बताया कि काफी समझाने के बाद महिला बच्चे को रखने के लिए राजी हुई। महिला ने कहा कि वह बच्चे को खुद पालेगी और उसे उसके पिता का नाम नहीं देगी।
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दिल्ली में घरेलू सहायिका के रूप में काम करने वाली महिला ने बताया कि ट्रेन में सफर के दौरान उसे करीब चार घंटे तक प्रसव पीड़ा सहनी पड़ी, जिसके बाद राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) की मदद से उसे जिला महिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। महिला ने आरोप लगाया कि उसके पति ने गर्भावस्था के दौरान उसे छोड़ दिया और बाद में दूसरी महिला के साथ भाग गया। महिला ने कहा- “जब मुझे उसकी (पति की) सबसे ज्यादा जरूरत थी, तब उसने मुझे छोड़ दिया। मैं अकेली थी, दर्द में थी और अजनबियों की मदद से ही जिंदा रह पाई।”
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गुस्से व धोखे की भावना से व्याकुल होकर महिला ने शुरू में अपने नवजात शिशु को लेने से इनकार कर दिया, उसने यह तक कह दिया कि इस बच्चे को कूड़ें में फेंक दो। अस्पताल के कर्मचारियों द्वारा समझाने-बुझाने के बाद महिला बच्चे को अपने पास रखने के लिए राजी हो गई। जिला अस्पताल के प्रभारी अधीक्षक जय कुमार ने बताया- “शुरू में महिला को समझाना बहुत मुश्किल था। अब वह बच्चे को अपने पास रखने के लिए राजी हो गई है। बच्चे की सेहत में सुधार होते ही मां और बच्चे दोनों को छुट्टी दे दी जाएगी।” अस्पताल के अधिकारियों ने बताया कि मां और बच्चा दोनों फिलहाल निगरानी में हैं।