
नारी डेस्क: मध्यप्रदेश के सागर जिले से एक अद्भुत खबर सामने आई है। सिर्फ 3 साल 7 महीने 22 दिन के सर्वज्ञ सिंह कुशवाहा ने शतरंज की दुनिया में इतिहास रच दिया। इतना छोटा होने के बावजूद उसने 30 साल के फिडे-रेटेड खिलाड़ी को मात दी और दुनिया की सबसे कम उम्र में FIDE रैंकिंग हासिल की। यह उपलब्धि न केवल मध्यप्रदेश, बल्कि पूरे देश के लिए गर्व का पल है।
नन्हे मास्टर ने बड़े खिलाड़ी को हराकर दिलाई जीत
सर्वज्ञ ने सिर्फ एक खिलाड़ी को नहीं, बल्कि लगातार तीन इंटरनेशनल रेटेड खिलाड़ियों को मात देकर अपनी उम्र से कई गुना बड़े खिलाड़ियों को चौंका दिया। यह काम आसान नहीं है क्योंकि FIDE (इंटरनेशनल चेस फेडरेशन) की रैंकिंग पाने के लिए कम से कम एक इंटरनेशनल रेटेड खिलाड़ी को हराना आवश्यक होता है। इस काम को इतनी कम उम्र में करना उसे असली “नन्हा ग्रैंड मास्टर” बनाता है।
शतरंज की शुरुआत और रिकॉर्ड
सर्वज्ञ की शतरंज यात्रा सागर डिस्ट्रिक्ट एसोसिएशन से शुरू हुई। ढाई साल की उम्र में उसने ऑनलाइन रेटिंग हासिल कर ली थी, जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है। वह रोज़ाना स्वदेश अकादमी के ओलंपियाड स्पोर्ट्स एरेना में अभ्यास करता है और अपनी रणनीतियों और चालों को परिपक्व बनाता है।
परिवार का समर्थन और माहौल
सर्वज्ञ के पिता सिद्धार्थ सिंह कुशवाहा बताते हैं कि उनका बेटा शुरू से ही खेलों के प्रति बेहद उत्साही था। उन्होंने घर का माहौल पूरी तरह से उसकी रुचि के हिसाब से बनाया। मां नेहा कुशवाहा भी बेटे की मेहनत और लगन पर गर्व करती हैं। परिवार उसे हर कदम पर सपोर्ट करता है ताकि वह अपने अंतरराष्ट्रीय सपनों की उड़ान भर सके और भारत का नाम दुनिया में ऊँचा कर सके।
सोशल मीडिया पर छाई लोकप्रियता
सर्वज्ञ के शतरंज खेल के वीडियो और तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं। लोग हैरान हैं कि इतनी कम उम्र में कोई बच्चा इतनी गहराई से चालें सोच सकता है। अनुभवी खिलाड़ी भी उसकी सोच और रणनीति देखकर दंग रह जाते हैं। अब वह भारत का भविष्य का संभावित ग्रैंड मास्टर माना जा रहा है।
संपूर्ण शतरंज समुदाय में चर्चा का केंद्र
सागर का यह छोटा खिलाड़ी अब हर जगह चर्चा का विषय है। उसकी उपलब्धियों ने न सिर्फ शतरंज के क्षेत्र में बल्कि पूरे खेल जगत में उत्साह और प्रेरणा फैला दी है। शतरंज की बिसात पर उसकी समझ और चालें युवा खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा बन रही हैं।