22 DECMONDAY2025 8:50:28 PM
Nari

चौंकाने वाली Report, गर्मी के कारण   2050 तक 30 लाख बच्चे रह जाएंगे बौने

  • Edited By vasudha,
  • Updated: 22 Dec, 2025 07:09 PM
चौंकाने वाली Report, गर्मी के कारण   2050 तक 30 लाख बच्चे रह जाएंगे बौने

नारी डेस्क: जलवायु परिवर्तन की वजह से गर्म और नमी वाले हालात 2050 तक दक्षिण एशिया के बच्चों में बौनेपन के मामलों को 30 लाख से ज्यादा बढ़ा सकते हैं। एक अध्ययन में यह अनुमान व्यक्त किया गया है। अमेरिका स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया सांता बारबरा के अनुसंधानकर्ताओं ने देखा कि गर्भावस्था के दौरान बहुत अधिक गर्म, नमी वाले हालात में रहने से इस घनी आबादी वाले महाद्वीप में बच्चों की सेहत पर कैसे असर पड़ सकता है। 


यह भी पढ़ें:  क्या दूसरे बेटे से खुश नहीं है भारती सिंह?


गर्भवती महिलाओं पर मंडरा रहा संकट

इस अध्ययन में पांच साल से कम उम्र के बच्चों की स्वास्थ्य स्थिति के संकेतक ‘उम्र के हिसाब से कद' (हाइट फॉर ऐज) का विश्लेषण किया गया। यह किसी की आयु और कद का अनुपात होता है। गर्भवती महिलाओं को अधिक वजन और हार्मोन संबंधी बदलावों की वजह से गर्मी के प्रकोप के प्रति अधिक संवेदनशील माना जाता है।  ‘साइंस' पत्रिका में प्रकाशित हुए परिणामों से पता चलता है कि गर्मी के संपर्क में आने के असर को नमी और खराब कर सकती है। प्रमुख अध्ययनकर्ता और डॉक्टरेट छात्र केटी मैकमोहन ने कहा- ‘‘गर्भावस्था की शुरुआत में, भ्रूण बहुत कमजोर होता है, जबकि गर्भावस्था के आखिर में, मां अधिक कमजोर होती है।'' 


बच्चों के जन्म के मामलों  में आई कमी

यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया सांता बारबरा के भूगोल विभाग में प्रोफेसर कैथी बेलिस ने बताया कि तीसरी तिमाही के दौरान गर्मी के प्रभाव को देखने पर पता चला कि गर्मी और आर्द्रता की वजह से सेहत पर असर सिर्फ गर्मी से होने वाले असर से लगभग चार गुना ज्यादा खराब था। अनुसंधानकर्ताओं ने यह भी पाया कि हर एक अतिरिक्त दिन अधिकतम ‘वेट-बल्ब ग्लोब' तापमान 29 डिग्री सेल्सियस से अधिक था और छह से 12 महीने बाद जीवित बच्चों के जन्म के मामलों की संख्या कम हो गई। ‘वेट-बल्ब ग्लोब' कड़ी धूप के सीधे संपर्क से गर्मी के प्रभाव का अंतरराष्ट्रीय मानक है। हालांकि, हर एक अतिरिक्त दिन जब अधिकतम तापमान 35 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा था, तो तीन महीने तक इसके प्रभाव से जन्म दर में बढ़ोतरी देखी गई। 
 

यह भी पढ़ें:  पैरों के इन 5 संकेतों पर नजर रखें डायबिटीज के मरीज
 

 2050 तक बिगड़ जाएंगे हालात

अनुसंधानकर्ताओं ने कहा कि ये नतीजे पिछले अध्ययनों के नतीजों की तर्ज पर हैं जो गर्मी के प्रभाव को समय पूर्व जन्म से जोड़ते हैं। अध्ययनकर्ताओं ने कहा कि ‘ग्लोबल वार्मिंग' जारी रहने से गर्म और नमी वाले हालात बढ़ने का अनुमान है, और दक्षिण एशिया के दुनिया के सबसे ज़्यादा प्रभावित इलाकों में से एक होने की उम्मीद है -- जो दुनिया की सबसे घनी आबादी वाली जगहें हैं। उन्होंने लिखा- ‘‘हमने पाया है कि सिर्फ अधिक तापमान की तुलना में गर्म-नमी वाले हालात सेहत के लिए अधिक नुकसानदायक हैं, जिससे 2050 तक दक्षिण एशिया में तीस लाख से अधिक बच्चों का कद छोटा रहने का खतरा बढ़ सकता है।'' इसलिए, टीम ने कहा कि सिर्फ तापमान के असर पर ध्यान देकर, अनुसंधानकर्ता, चिकित्सक और सार्वजनिक स्वास्थ्य अधिकारी खराब मौसम के असली असर को कम आंक रहे होंगे।
 

Related News