नारी डेस्क : विटामिन B12 शरीर के लिए एक बेहद ज़रूरी पोषक तत्व है। इसकी कमी केवल शरीर को ही नहीं, बल्कि दिमाग और नसों (Nervous System) को भी गंभीर रूप से प्रभावित कर सकती है। कई लोग इसे केवल थकान या खून की कमी से जोड़कर देखते हैं, लेकिन सच्चाई यह है कि विटामिन B12 की कमी से याद्दाश्त कमजोर होना, चक्कर आना और चलने में संतुलन बिगड़ना जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं। डॉक्टर के अनुसार, विटामिन B12 की कमी से दिमाग और नसों पर गहरा असर पड़ता है। उन्होंने सोशल मीडिया के ज़रिए इसके न्यूरोलॉजिकल प्रभावों के बारे में विस्तार से जानकारी दी है।
विटामिन B12 क्यों है दिमाग के लिए जरूरी?
दिमाग की कोशिकाओं को स्वस्थ रखता है।
नर्व फाइबर की सुरक्षा करता है।
याद्दाश्त और एकाग्रता को बनाए रखने में मदद करता है।
रेड ब्लड सेल्स बनाने में अहम भूमिका निभाता है।
जब शरीर में इसकी कमी हो जाती है, तो दिमाग तक सही तरीके से ऑक्सीजन और पोषण नहीं पहुंच पाता।

विटामिन B12 की कमी से दिमाग पर पड़ने वाले 3 बड़े प्रभाव
विटामिन B12 की कमी होने पर सबसे पहले दिमाग की कार्यक्षमता प्रभावित होने लगती है। इस कमी के कारण व्यक्ति को बार-बार चक्कर आना या वर्टिगो महसूस हो सकता है। साथ ही याद्दाश्त कमजोर होने लगती है और किसी भी काम में ध्यान केंद्रित करना मुश्किल हो जाता है। कई लोगों को चलते-फिरते समय शरीर का संतुलन बिगड़ने का अहसास होता है। खास बात यह है कि 40 साल से कम उम्र के लोगों में भी याद्दाश्त की समस्या दिखाई देना विटामिन B12 की कमी का एक महत्वपूर्ण संकेत हो सकता है, जिसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
स्पाइनल कॉर्ड (Spinal cord) पर प्रभाव
विटामिन B12 की कमी का असर स्पाइनल कॉर्ड (spinal cord) पर भी पड़ता है, जो पूरे शरीर की गतिविधियों को नियंत्रित करती है। जब शरीर में B12 की मात्रा कम हो जाती है, तो स्पाइनल कॉर्ड प्रभावित होने लगती है और इसे Subacute Combined Degeneration of Cord कहा जाता है। यह एक गंभीर स्थिति है और इसकी एकमात्र वजह विटामिन B12 की कमी मानी जाती है। इस समस्या में व्यक्ति को पैरों में जकड़न महसूस होती है, चलने में कठिनाई आने लगती है, पैरों के तलवों में सुन्नपन रहता है और संतुलन बनाए रखना मुश्किल हो जाता है। इसके साथ ही पैरों में झनझनाहट या सुई चुभने जैसा एहसास भी हो सकता है।

नर्व फाइबर और पेरिफेरल न्यूरोपैथी (Nerve fibers and peripheral neuropathy)
जब शरीर में विटामिन B12 की कमी ज्यादा बढ़ जाती है, तो इसका असर नर्व फाइबर पर पड़ने लगता है। इस स्थिति को Peripheral Neuropathy कहा जाता है। इसमें नसें ठीक से काम नहीं कर पातीं, जिससे हाथ-पैरों में झनझनाहट महसूस होती है। कई लोगों को सुई चुभने जैसा एहसास, सुन्नपन और हाथ-पैरों में कमजोरी भी महसूस होने लगती है। यदि समय रहते इलाज न किया जाए, तो नर्व डैमेज धीरे-धीरे बढ़ सकता है और समस्याएं गंभीर रूप ले सकती हैं।
विटामिन B12 की कमी को नजरअंदाज करना क्यों खतरनाक?
अगर समय रहते विटामिन B12 की कमी को ठीक न किया जाए, तो:
याद्दाश्त की समस्या स्थायी हो सकती है।
नसों को होने वाला नुकसान वापस ठीक नहीं होता।
चलने-फिरने की क्षमता प्रभावित हो सकती है।

विटामिन B12 की कमी से बचाव कैसे करें?
डॉक्टर की सलाह से B12 टेस्ट करवाएं।
दूध, दही, अंडा, मछली और मांस का सेवन करें।
शाकाहारी लोगों को B12 सप्लीमेंट लेने की जरूरत पड़ सकती है।
खुद से दवा न लें, हमेशा डॉक्टर से सलाह लें।
विटामिन B12 की कमी केवल कमजोरी या एनीमिया तक सीमित नहीं है, बल्कि यह दिमाग और नसों को गंभीर नुकसान पहुंचा सकती है। अगर आपको बार-बार चक्कर, याद्दाश्त की कमी या हाथ-पैरों में झनझनाहट महसूस होती है, तो इसे नजरअंदाज न करें और तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।