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7वें महीने कितना होना चाहिए Baby Weight, इस समय क्या महसूस करती हैं गर्भवती?

  • Edited By Vandana,
  • Updated: 24 Dec, 2023 01:05 PM

प्रैगनेंसी, हर महिला को एक अलग अनुभव देकर जाती है। नौ महीने की प्रैगनेंसी में कई तरह के बदलाव देखने को मिल सकते हैं जो स्वास्थय के हिसाब से हर महिला में अलग-अलग हो सकते हैं। हर महीना ही खास होता है लेकिन आखिरी तीन महीनों को सबसे ज्यादा खास माना जाता है। 7वां महीना भी बहुत अहम होता है। इस महीने अक्सर महिलाएं कंफ्यूज हो जाती हैं कि वह क्या खाए-क्या नहीं और उनका वेट कितना होना चाहिए। चलिए आपको 7वें महीने में होने वाले कुछ बदलाव और फैक्ट्स बताते हैं। सातवें महीने से प्रेगनेंसी की आखिरी तिमाही की शुरुआत हो जाती है। इस समय आपके बच्‍चे का दिन दोगुना- रात चौगुना विकास हो रहा होता है। जैसे-जैसे बच्‍चे का विकास होगा, वैसे-वैसे वह आपके पेट में ज्‍यादा जगह घेरेगा और इस वजह से गर्भवती असहज भी महसूस कर सकती है। बहुत महिलाओं को खाना हजम नहीं होता, सीने में जलन, पेट फूलना, कब्ज,  योनि से स्राव होना, कमर में दर्द होने लगता है लेकिन इससे घबराने की जरूरत नहीं है ज्यादा समस्या हो तो डॉक्टरी सलाह लेनी चाहिए।

इस समय वजन कितना होना चाहिए?

पूरी प्रैगनेंसी में महिला का वजन 11.5 से 16 किलोग्राम के बीच बढ़ना चाहिए। पहली तिमाही के दौरान 1 से 2 किलोग्राम वजन बढ़ता है और आगे फिर हर हफ्ते आधा किलोग्राम वजन बढ़ता है बाकी वजन बढ़ने की मात्रा आपकी स्थिति पर ही निर्भर करती है। सातवें महीने में बेबी का वजन 900 ग्राम से लेकर 1350 ग्राम तक हो सकता है लेकिन हर बच्‍चे का विकास अलग-अलग होता है।

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बच्चे कितनी हिलजुल करता है?

इस समय तक शिशु लगभग 70% विकास कर चुका होता है।वह लगभग 12 से 15 इंच का हो जाता है। बच्चे की हिलजुल बढ़ जाती है। इस दौरान बच्चा पेट में लात मार सकता है। अंगड़ाई और जंम्हाई ले सकता है। शिशु अपनी ऑंखें खोल और बंद कर सकता है। बाहर की आवाज सुनकर वह रेस्पोंस दे सकता है। अगर ऐसा नहीं होता तो आपको इस ओर ध्यान देना होगा। वह किसी दिन कम या बिल्‍कुल मूवमेंट नहीं कर रहा है तो अपने डॉक्‍टर से फौरन संपर्क करें। कभी-कभी बच्‍चा सो रहा होता है। हलचल कम होने पर आप कोई मीठी चीज खा लें तो बच्‍चे को तुरंत ऊर्जा मिलेगी और वह मूवमेंट करने लगेगा।

इस महीने महिलाओं को क्या महसूस हो सकता है?

ज्यादातर महिलाओं को पूरे दिन नींद आती रहती है जबकि कुछ को रात में  नींद नहीं आती। कमजोरी और थकान महसूस होती है।

वजन ज्यादा बढ़ने के कारण आपको सांस लेने में दिक्कत हो सकती है या थोड़ा सा काम करने पर सांस फूलने लगती है।

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स्तनों को छूने पर दर्द और संवेदनशीलता महसूस कर सकती हैं।  स्तनों का साइज बड़ा हो जाता है और निप्पल के रंग पहले से गाढ़े हो जाते हैं। स्तनों में दूध भर जाता है औऱ कुछ को पीले रंग का रिसाव भी होने लगता है और आपको ज्यादा गर्मी महसूस होती है।

शिशु और गर्भ का आकार बढ़ने के कारण यूरिनरी ब्लैडर पर दबाव पड़ता है जिससे बार-बार यूरीन करने की जरूरत पड़ती है। शरीर के कुछ हिस्सों में सूजन आ सकती है।

आपका मूड अचानक से बदलता रहता है। चिड़चिड़ापन आना, हंसना-रोना, जिद्द सब आम हो जाते हैं लेकिन घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि ये सब हार्मोंनस असतुंलन की वजह से होता है।

पेट में बच्चा उल्टा हो तो कैसे सोना चाहिए?

प्रेग्नेंसी में बायीं तरफ होकर सोने कि कोशिश करनी चाहिए लेकिन अगर आप इस पोजीशन में सोए-सोए थक जाती हैं तो फिर कुछ समय के लिए आप दाई ओर करवट लेकर सो सकती हैं। विशेषज्ञ का मानना है कि प्रेग्नेंसी में बाई तरफ सोना सबसे बेहतर होता है।

7 से 9वें महीने में क्या खाना चाहिए?

7वें से 9वें महीने तक आपको भरपूर कैल्शियम और विटामिन ई का सेवन करना है। हर दिन कम के कम 1 लीटर दूध पिएं। आयरन की कमी ना होने दें। हरी पत्तेदार सब्जियां जरूर खाएं। ओमेगा 3 फैटी एसिड का सेवन करें। अंडा, मछली, अलसी, अखरोट, खोआ, पालक आदि ओमेगा 3 फैटी एसिड के अच्छे स्रोत हैं। अगर किसी चीज से एलर्जी है तो पहले डाक्टरी राय जरूर लें। आपको आयरन, कैल्शियम, फाइबर, डीएचए, मैग्नीशियम, विटामिन और प्रोटीन भरपूर चीजें खाएं।

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जन्‍म लेने की पोजिशन
इस म‍हीने के आखिर में बच्‍चा जन्‍म लेने की तैयारी में अपनी पोजिशन लेने लगता है। उसका सिर नीचे और पैर ऊपर की ओर हो जाते हैं। अगर उसने अभी तक ऐसा नहीं किया है तो घबराइए नहीं, अभी समय है वह अपनी पोजिशन बदल सकता है। डॉक्टर आपको आपके रिपोर्ट के मुताबिक सुझाव दे देगा।
तो ये थी सातवें महीने की प्रेगनेंसी टिप्स, इस महीने खाने पीने पर विशेष ध्यान दें ताकि बच्चे का वजन भी बढ़े।

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