बच्चे के जन्म के 6 महीने के बाद उसके दांत निकलने शुरू हो जाते हैं। ये दांत करीब 2 साल तक पूरी तरह से निकलते है। इन दांतों को 'दूध के दांत' कहा जाता है। दांत निकालने के दौरान बच्चे को असहनीय दर्द का सामना करना पड़ता है। इसके साथ ही बच्चों के स्वभाव में भी बदलाव आने लगते हैं। बच्चा चिड़चिड़ा होने लगता है। इसके साथ ही उसे अत्यधिक लार, बुखार, घबराहट, नींद का कम आना, अत्यधिक रोना और दस्त आदि होने की परेशानी का सामना करना पड़ता है। इसकी वजह से बच्चा कमजोर और चिड़चिड़ा भी होने लगता है।
ऐेसे में बच्चे को संभालने में पेरेंट्स को बहुत सी मुश्किलों का सामना करना पड़ता हैं। मगर बच्चे के दांत निकालने की शुरूआत में ही पेरेंट्स द्वारा कुछ घरेलू नुस्खों को अपनाकर बच्चे इस असहनीय दर्द से छुटकारा दिलाया जा सकता है। तो चलिए जानते है उन घरेलू नुस्खों के बारे में जिससे आपके बच्चे को दांत निकालते समय ज्यादा परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा
तेल मालिश
बच्चे के मसूड़़ों पर तेल मालिश करने से भी दांत दर्द से राहत मिलती है। इसके लिए किसी भी तेल को हल्का गुनगुना गर्म कर बच्चे के मसूड़ों पर हल्का दबाव डालते हुए अपनी अंगुली की ममदद से मालिश करें। इससे बच्चे को दर्द से राहत मिलेगी और वह शांति महसूस करेगा।
कपड़ा रगड़ें
इसके लिए कोई साफ और मुलायम कपड़ा लें। उसे कुछ सेकेंड के लिए हल्के हाथों से दबाव डालते हुए बच्चे के मसूड़ों पर रगड़ें। हो सकता है कि शुरूआत में आपके बच्चे को ऐसा करना अच्छा न लगे। परन्तु थोड़ी देर तक उसे दर्द से आराम मिलेगा। इसके अलावा सर्कुलर मोशन में बच्चे के चेहरे और जबड़े के भाग पर मसाज करें।
पैरों की तेल मालिश
अक्सर दांत व मसूडो़ं में दर्द की परेशानी होने से बच्चे ठीक से सो नहीं पाते हैं। ऐसे में उनके पैरों की मालिश करना बेस्ट ऑप्शन है। इससे उन्हें दर्द से राहत मिलने के साथ अच्छी नींद आने में मदद मिलती है। इसके लिए किसी भी तेल को गुनगुना गर्म कर बच्चे के पैरों, अंगुलियों और अंगूठों पर हल्क दबाव डालते हुए तेल से करीब 5 मिनट तक मालिश करें। इसे दिन में 2-3 तीन बार दोहराने से बच्चे को जल्दी आराम मिलेगा।
बबूने का फूल
1 साल से ज्यादा की उम्र के बच्चे को दांत दर्द से राहत दिलाने के लिए बबून का फूल काफी फायदेमंद होता है। इसके लिए 1/2 चम्मच सूखे कैमोमाइल फूलों को 1 कप गर्म पानी में मिक्स कर उबालें। बाद में इसे छान कर तैयार चाय का 1 छोटा चम्मच हर 1-2 घंटे के बाद बच्चे को पिलाएं।बच्चे को हर एक या दो घंटे बाद दें। यह मसूड़ों की सूजन को कम करने के साथ नसों में दर्द होने वाले दर्द को भी शांत करता है।
ऑलिव ऑयल
एक कटोरी में 1 बड़ा चम्मच जैतून के तेल और 4 या 5 बूंदे कैमोमाइल तेल की मिक्स करें।तैयार मिश्रण को गुनगुना गर्म कर इससे बच्चे के जबड़े और कान के आसपास की जगह पर हल्के हाथों से मालिश करें। इसे बच्चे को दांत निकालने में होने वाले दर्द से राहत मिलेगी।
गाजर
अगर आपका बच्चा ठोस चीजों को खाने लगा है तो आप उसे ठंडी गाजर खिला सकते है। इसके लिए गाजर के एक टुकड़े को काट कर उसे थोड़ी देर फ्रिज में रखें। फिर उसे बच्चे को खाने को दे। ऐसे में ठंडी गाजर मसूड़ों पर लगने से बच्चे को दर्द से राहत मिलेगी। साथ ही फाइबर से भरपूर गाजर होने से बच्चे का पेट भी लंबे समय तक भरा रहेगा। आप गाजर की जगह उसे खीरा, सेब या कोई अन्य चीज भी ठंडी कर खाने को दे सकते हैं।
गाजर और चुकंदर का रस
गाजर और चुकंदर में पोषक तत्व पाएं जाते हैं। ऐसे में इसे इस्तेमाल करने से मसूड़ों की सूजन कम होने के साथ दर्द व जलन से राहत मिलती है। इसके साथ ही यह जूस बच्चे की इम्यूनिटी बढ़ाने में भी मदद करेगा। इसे बनाने के लिए 1 कप गाजर और 1 कप चुकंदर का रस निकालकर उसे मिक्स कर बर्फ की ट्रे में डालकर फ्रिज में जमने के लिए रख दें। उसके बाद तैयार बर्फ के टुकड़े को बच्चे को दें।