अपने अनगिनत स्वास्थ्य लाभों के लिए जाने जाने वाले घी को आप सर्दियों में अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं। सुबह की कॉफी में डालकर इसका सेवन आप कर सकते हैं। हालांकि कॉफी में घी डालकर पीना आपको थोड़ा अजीब लग सकता है लेकिन घी और कॉफी का साथ में सेवन स्वास्थ्य के अनुसार, बेहद लाभकारी रहेगा। वैज्ञानिक दृष्टिकोण के अनुसार, इससे बने मिश्रण का सेवन करने से शरीर को कई फायदे होते हैं। रकुल प्रीत सिंह, भूमि पडनेकर, जैकलीन फर्नांडिज जैसी कई एक्ट्रेस घी वाली कॉफी अपनी डाइट में शामिल करती हैं। घी में कई सारे हेल्दी फैट्स होते हैं जो आपका पेट लंबे समय तक भरा हुआ रखते हैं। इसके अलावा घी वाली कॉफी पीने से ब्लड शुगर भी कंट्रोल में रहती है। चलिए आज आपको बताते हैं कि घी वाली कॉफी पीने से शरीर को क्या-क्या फायदे होंगे। आइए जानते हैं...
शरीर को मिलेगी एनर्जी
कॉफी में घी मिलाने से कैफीन का अवशोषण धीमा हो जाता है। इंटरनेशनल सोसाइटी ऑफ स्पोर्ट्स न्यूट्रिशन के अध्ययन से पता चलता है कि कैफीन के साथ फैट लेने से एनर्जी बढ़ती है। इससे न केवल सिर्फ आपके शरीर को एनर्जी मिलती है बल्कि सिंपल कॉफी से होने वाले शरीर को दुष्प्रभाव भी खत्म होते हैं।
पाचन में होगा सुधार
घी वाली कॉफी पीने से शरीर पर भी पॉजिटिव असर होता है। जर्नल फूड ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी में शोध से पता चला है कि घी में फैटी एसिड मौजूद होता है जो पाचन प्रक्रिया को उत्तेजित करता है और गेस्ट्रोइंस्टाइनल हेल्थ को बेहतर बनाने में मदद करता है।
एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर
कॉफी और घी में एंटीऑक्सीडेंट्स प्रॉप्टीज मौजूद होती हैं। कई सारे शोधों से पता चलता है कि कॉफी में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स जैसे क्लोरोजेनिक एसिड घी के एंटीऑक्सीडेंट घटकों के साथ मिलकर एक पॉजिटिव प्रभाव पैदा करते हैं जिससे ऑक्सीडेटिव तनाव कम होता है और शरीर मजबूत बनता है।
वजन रहेगा कंट्रोल
घी वाली कॉफी डाइट में शामिल करने से वजन कंट्रोल में रहेगा। यूरोपियन जर्नल ऑफ न्यूट्रिशन में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, घी में मौजूद फैट्स वजन नियंत्रण करने में मदद करते हैं।
मानसिक स्वास्थ्य होगा बेहतर
पोषक तत्वों से प्रकाशित एक अध्ययन की मानें तो घी ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर होने के कारण न्यूरोप्रोटेक्टिव प्रभावों को प्रभावित करता है। जब कैफीन के संज्ञानात्मक बूस्टिंग प्रभावों की बात की जाए तो कॉफी में घी डालकर पीने से मानसिक स्वास्थ्य बेहत होता है। फोकस बढ़ता है और याददाश्त बेहतर बनती है।