21 NOVTHURSDAY2024 5:36:00 PM
Nari

मिल गया सुखी जिंदगी और लंबी उम्र का फॉर्मूला, आज रात से आप भी शुरू कर दें ये काम

  • Edited By vasudha,
  • Updated: 11 Nov, 2024 05:24 PM
मिल गया सुखी जिंदगी और लंबी उम्र का फॉर्मूला, आज रात से आप भी शुरू कर दें ये काम

नारी डेस्क:  चीनी शोधकर्ताओं की एक टीम ने पाया कि स्वस्थ और सफल उम्र बढ़ना नींद के पैटर्न से निर्धारित होता है। अध्ययन में स्वस्थ उम्र बढ़ने को बढ़ावा देने के लिए स्थिर और पर्याप्त नींद की अवधि बनाए रखने का आह्वान किया गया। यानी कि आपको सुखी जिंदगी और लंबी उम्र चाहिए तो आपको नींद भी अच्छी लेनी  होगी।

PunjabKesari

स्थिर नींद वाले रहते हैं स्वस्थ

चीन में वेनझोउ मेडिकल यूनिवर्सिटी की टीम द्वारा किए गए शोध के नतीजे बताते हैं कि मधुमेह, हृदय रोग और कैंसर जैसी बीमारियों से मुक्त रहकर अच्छे मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के साथ वृद्धावस्था में प्रवेश करने में अच्छी नींद का महत्वपूर्ण योगदान है।वृद्धावस्था को सफल बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है – नींद का संतुलित और नियमित समय। शोध के अनुसार, सामान्य-स्थिर और लंबे समय तक स्थिर नींद वाले लोग वृद्धावस्था में स्वस्थ बने रहने की अधिक संभावना रखते हैं। जबकि छोटी-स्थिर, घटती हुई और बढ़ती हुई नींद वाले लोगों में ‘सक्सेसफुल एजिंग’ की संभावना कम पाई गई

 

इस तरह किया गया अध्ययन 

अध्ययन में, टीम ने 3,306 प्रतिभागियों का विश्लेषण किया, जो 2011 में प्रमुख पुरानी बीमारियों से मुक्त थे और 2020 तक 60 वर्ष या उससे अधिक आयु के हो गए थे। टीम ने 2011, 2013 और 2015 में कुल दैनिक नींद के घंटों की गणना करने के लिए रात की नींद और दिन की झपकी को मिलाया। शोधकर्ताओं ने पांच अलग-अलग नींद अवधि प्रक्षेपवक्र की पहचान की: सामान्य-स्थिर (प्रतिभागियों का 26.1 प्रतिशत), लंबी-स्थिर (26.7 प्रतिशत), घटती (7.3 प्रतिशत), बढ़ती (13.7 प्रतिशत), और छोटी-स्थिर (26.2 प्रतिशत)।

PunjabKesari
बढ़ती और छोटी स्थिर नींद


कुल मिलाकर, 2020 तक केवल 13.8 प्रतिशत समूह सफल उम्र बढ़ने की परिभाषा को पूरा करते थे। टीम ने पाया कि नियमित रूप से कम और लंबी नींद की अवधि सफल उम्र बढ़ने में बाधा डाल सकती है, क्योंकि यह शारीरिक और मनोवैज्ञानिक कल्याण को बाधित कर सकती है। शोधकर्ताओं ने विशेष रूप से मध्यम आयु वर्ग और वृद्ध लोगों में नींद की अवधि पर निगरानी रखने पर जोर दिया है। टीम ने शोधपत्र में कहा- "ये निष्कर्ष इस बात को रेखांकित करते हैं कि लगातार नींद की कमी, साथ ही नींद की अवधि में वृद्धि और कमी के पैटर्न, केवल उम्र से संबंधित परिवर्तन नहीं हैं बल्कि, वे सफल उम्र बढ़ने की खोज में बाधाओं के प्रमुख संकेतक के रूप में उभरते हैं।" 


नींद का स्वस्थ शेड्यूल इस तरह करें तैयार 

नींद का स्वस्थ शेड्यूल तैयार करना बच्चों और बड़ों के लिए समान रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।  एक निश्चित समय पर सोने और उठने से शरीर की जैविक घड़ी (बॉडी क्लॉक) सही तरीके से काम करती है, जिससे आसानी से और गहरी नींद आ सकती है। सप्ताह के अंत में भी इस समय का पालन करने की कोशिश करें ताकि नींद का रूटीन ना टूटे।

PunjabKesari

आरामदायक माहौल बनाएं


 बहुत ठंडा या बहुत गर्म कमरा नींद में बाधा डाल सकता है। कमरे का तापमान आरामदायक होना चाहिए। सोते समय कमरे में अंधेरा और शांति बनाए रखें। इससे मेलाटोनिन (Melatonin) नामक हार्मोन का उत्पादन बढ़ता है, जो अच्छी नींद में सहायक है।  सही आकार और मुलायमता का तकिया और गद्दा उपयोग करें, जो रीढ़ और गर्दन को सही समर्थन दे। रात में चाय, कॉफी, कोल्ड ड्रिंक, चॉकलेट, या अन्य कैफीन युक्त चीजों से बचें, क्योंकि कैफीन से नींद में रुकावट हो सकती है। सोने से दो घंटे पहले भारी भोजन करने से भी बचें, क्योंकि इससे पाचन क्रिया सक्रिय रहती है और शरीर पूरी तरह से आराम नहीं कर पाता।

सोने से पहले रिलैक्सिंग रूटीन अपनाएं 


 हल्के योगासन या स्ट्रेचिंग से शरीर का तनाव दूर होता है, जिससे गहरी नींद आती है। सोने से पहले  किताब पढ़ें या धीमी धुन का संगीत सुनें, जिससे मस्तिष्क शांत होता है और अच्छी नींद आती है। यदि दिन में नींद आ रही हो, तो 20-30 मिनट की झपकी ले सकते हैं। इससे थकान दूर होती है और ध्यान केंद्रित रहता है।    - लंबी झपकी से रात की नींद में रुकावट आ सकती है, इसलिए इसे छोटी और नियंत्रित रखें।


नींद का ट्रैक रखें

अगर आपको नींद की परेशानी हो रही है, तो आप अपनी नींद का ट्रैक रखने के लिए एक डायरी में नोट्स बना सकते हैं। इसमें सोने और जागने का समय, नींद की गुणवत्ता, और नींद पर पड़ने वाले अन्य प्रभावों को लिखें। इससे आप अपने शेड्यूल में बदलाव कर सकते हैं। इन सुझावों का पालन करने से आप नींद का स्वस्थ शेड्यूल बना सकते हैं, जिससे जीवन की गुणवत्ता और शारीरिक-मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होगा।
 

Related News