हड्डियों का कमजोर होना न सिर्फ बुढ़ापे में बल्कि किसी भी उम्र में हो सकता है। वैसे देखा जाए तो हड्डियों का कमजोर होना एक आम समस्या है लेकिन इसका सही समय पर इलाज बेहद जरूरी है क्योंकि ये बेहद परेशान करता है। जानकारी के लिए बता दें के कुछ लोगों में हड्डियों की बोन डेंसिटी तेजी से कम होने लगती है और बॉडी इतनी जल्दी इसे रिकवर नहीं कर पाती। ऐसे में लोग इस से छुटकारा पाने के लिए बहुत सी दवाइयों का सेवन भी करते हैं जिससे ज्यादा असर नहीं होता। ऐसे में अगर आप भी इस परेशानी से हमेशा के लिए छुटकारा पाना चाहते हैं तो आपको कुछ योगासन करने की जरूरत है जो दवाइयों से आपको बेहतर परिणाम देते हुए हड्डियों को मजबूत करने में मदद करेंगे।
वज्रासन- इसके करने के लिए पैरों को मोड़कर घुटनों के बल पर बैठ जाएं। फिर अपने पैर के पंजों को पीछे करें। अब आराम से अपने शरीर को नीचे ले जाकर हिप्स को एड़ियों पर टिका दें। अब अपने हाथों को घुटनों पर रखें और सिर सीधा करें। फिर अपनी सांसों की गति पर ध्यान केंद्रित करें। आंखें बंद कर लें और सांस की गति पर ध्यान दें।
वीरभद्रासन- इसके लिए जमीन पर खड़े हो जाएं और अपने पैरों को हिप-चौड़ाई से अलग रखें और अपनी भुजाओं को अपने बगल में रखें। सांस छोड़ें और अपने बायीं ओर एक बड़ा कदम उठाएं। अब अपने बाएं पैर की उंगलियों को बाहर की ओर मोड़ें और अपने घुटनों को 90 डिग्री के कोण पर मोड़ें। अपने दाहिने पैर को लगभग 15 डिग्री अंदर की ओर मोड़ें। आपके दाहिने पैर की एड़ी बाएं पैर के केंद्र में होनी चाहिए। अपने दोनों हाथों को साइड में उठाएं। इसे अपने कंधों के स्तर पर लाएं। आपकी हथेलियां ऊपर की ओर होनी चाहिए। इस पोजीशन में कुछ गहरी सांसें लें।
भुजंगासन- आप पेट के बल लेट जाए दोनों हाथों को कंधे के पास रखें दोनों पंजे साथ जुड़े रहे। अपने शरीर का पूरा भार हाथों पर रखे और अपने हाथों की सहायता से अपने शरीर का ऊपरी हिस्सा ऊपर उठायें। शरीर को स्ट्रेच करें कुछ देर इसी अवस्था में रहने के बाद रिलैक्स की मुद्रा में आएं।
सेतु बंध सर्वांगासन- अपने घुटनों को मोड़कर और पैरों को जमीन पर सपाट करके अपनी पीठ के बल लेट जाएं। आपके पैर एक-दूसरे से थोड़े अलग होने चाहिए और बाहें आपके बगल में टिकी हुई हों। पैरों को फर्श में दबाएं, श्वास लें और धीरे से अपने कूल्हों को ऊपर उठाएं और रीढ़ को फर्श से ऊपर उठाएं। अपनी छाती को ऊपर उठाने के लिए अपनी बाहों और कंधों को जमीन पर दबाएं।
वृक्षासन- इस आसन के लिए आप सीधे खड़े हो जाये। दाएं पैर को मोड़ कर बाएं घुटने से लगाएं दोनों हाथों को ऊपर की ओर प्रार्थना की मुद्रा में जोड़ कर रखें। शरीर सीधा रखें और खुद को स्ट्रेच करें। शुरू में आप पांच मिनट तक इस मुद्रा में रहें धीरे-धीरे इस आसन को बीस मिनट तक करें।
फलकासन- इसके लिए चटाई पर पेट के बल सीधे लेट जाएं। श्वास लें और धीरे-धीरे अपने हाथों को सीधा करके अपने शरीर को तख़्त मुद्रा में आने के लिए उठाएं और साथ ही अपने पैर की उंगलियों को नीचे करें। आपकी बाहें फर्श से होनी चाहिए और कंधे सीधे कलाई के ऊपर होने चाहिए। आपका शरीर सिर से एड़ी तक एक सीध में होना चाहिए। इस स्थिति में कुछ सेकंड के लिए रुकें और गहरी सांस लें। धीरे-धीरे वापस सामान्य स्थिति में आ जाएं। इन आसन की मदद से आप इन तकलीफों से छुटकारा कर सकते हैं।