30 NOVSATURDAY2024 6:07:13 PM
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फातिमा सना शेख ने मिर्गी से संघर्ष की खुलकर दी जानकारी, जानें इसके लक्षण और कारण

  • Edited By Priya Yadav,
  • Updated: 30 Nov, 2024 02:54 PM
फातिमा सना शेख ने मिर्गी से संघर्ष की खुलकर दी जानकारी, जानें इसके लक्षण और कारण

नारी डेस्क: फातिमा सना शेख, बॉलीवुड फिल्म "दंगल" की चर्चित अभिनेत्री, ने हाल ही में एक इंटरव्यू में खुलासा किया कि उन्हें मिर्गी जैसी गंभीर बीमारी का पता फिल्म की शूटिंग के दौरान चला था। फातिमा ने बताया कि शुरू में उन्होंने इस बीमारी को लेकर इनकार किया था, लेकिन बाद में वह समझ पाई कि यह एक नर्वस सिस्टम से जुड़ी गंभीर समस्या है।

मिर्गी और इसके लक्षण

मिर्गी एक पुरानी मस्तिष्क संबंधी बीमारी है, जिसमें दिमाग के तंत्रिका तंतुओं के समूह में गलत संकेतों का आदान-प्रदान होता है। यह बीमारी किसी भी उम्र में हो सकती है, हालांकि यह खासकर बच्चों और 60 से ऊपर की उम्र के लोगों में ज्यादा देखी जाती है। मिर्गी के लक्षणों में शरीर में अकड़न, मरोड़, बेहोशी, और अचानक डर या घबराहट जैसी समस्याएं शामिल हो सकती हैं। फातिमा ने बताया कि उन्हें शुरुआत में डर रहता था कि कहीं मिर्गी का दौरा उन्हें सार्वजनिक रूप से न आ जाए, खासकर जब वह शूटिंग कर रही थीं। मिर्गी के कारण उनका आत्म-सम्मान कम हो गया था और वह खुद को लाचार महसूस करने लगी थीं।

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मिर्गी के कारण और प्रकार

मिर्गी के कारण मुख्य रूप से मस्तिष्क में तंत्रिका तंतुओं में गड़बड़ी होती है, जिससे मस्तिष्क से गलत संकेत भेजे जाते हैं। यह बीमारी अलग-अलग प्रकार के दौरे का कारण बन सकती है। इसके कुछ सामान्य कारणों में सिर पर चोट लगना, ब्रेन स्ट्रोक, शराब और ड्रग्स का सेवन, और ब्रेन इंफेक्शन शामिल हैं। मिर्गी का निदान डॉक्टर द्वारा ईईजी (इलेक्ट्रोएन्सेफलोग्राम), सीटी स्कैन, या एमआरआई जैसी जांचों के द्वारा किया जाता है।

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मिर्गी का इलाज और दवाइयां

मिर्गी का इलाज पूरी तरह से संभव नहीं है, लेकिन इसके नियंत्रण के लिए एंटी-एपिलेप्टिक ड्रग्स (AEDs) का इस्तेमाल किया जाता है। ये दवाइयां मिर्गी के दौरे को नियंत्रित करने में मदद करती हैं। लगभग 10 में से 7 लोग इन दवाइयों का उपयोग करके मिर्गी के दौरे पर नियंत्रण पा सकते हैं।

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फातिमा का संघर्ष और आत्मविश्वास की वापसी

फातिमा सना शेख ने अपनी बीमारी के बारे में खुलकर बात करके यह दिखाया कि मिर्गी जैसी गंभीर बीमारी से भी संघर्ष किया जा सकता है। एक दशक तक मिर्गी के साथ रहने के बाद, उन्होंने अपनी मानसिक स्थिति को बेहतर बनाने और नए चुनौतीपूर्ण हालात का सामना करने में खुद को सक्षम पाया। वह मानती हैं कि इस बीमारी के बारे में जागरूकता फैलाना और मानसिक रूप से मजबूत रहना बहुत महत्वपूर्ण है।

फातिमा सना शेख की मिर्गी से जूझने की कहानी यह दिखाती है कि किसी भी बीमारी का सामना करना मुश्किल हो सकता है, लेकिन अगर मानसिक स्थिति मजबूत हो तो आप हर चुनौती का सामना कर सकते हैं। मिर्गी जैसी बीमारी के लक्षण और कारणों के बारे में जागरूकता फैलाना भी बहुत जरूरी है ताकि लोग सही समय पर इलाज करवा सकें और बीमारी से जूझने में सक्षम हो सकें।
 



 

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