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रामायण के सिया- राम से हर पति- पत्नी को सीखनी चाहिए ये बातें

  • Edited By shipra rana,
  • Updated: 16 Apr, 2020 01:53 PM
रामायण के सिया- राम से हर पति- पत्नी को सीखनी चाहिए ये बातें

लॉकडाउन के कारण सारा देश घर पर बैठा है। ऐसे में दूरदर्शन चैनल पर करीब 33 साल पुरानी रामायण फिर से प्रसारित हो रही है। लोगों को इस संकट की घड़ी में रामायण देखने से आनंद व सुकून महसूस हो रहा है। इसके साथ ही इसमें दिखाई दिए हर पात्र ने अपना अहम रोल अदा किया है। ऐसे में इनसे सभी को महानता, त्याग, विश्वास, प्रेम- भावना की सीख लेनी चाहिए। खासतौर पर आज के मैरिड कपल्स को श्रीराम और माता सीता से जुड़ी बातों को अपने जीवन में अपनाने की जरूरत है। माता सीता और प्रभु श्रीराम की शादीशुदा जीवन से सीख लेनी चाहिए।

पति-पत्नी एक-दूसरे का दें साथ

रामायण में सिर्फ श्रीराम को 14 सालों का वनवास मिला था। मगर फिर भी अपने पति के सम्मान व पत्नि धर्म को मानते हुए उन्होंने अपने पति श्रीराम के साथ वन जाने का निश्चय किया। वह उनके साथ जंगलों में भटकती हुई हर परिस्थिति में अपने पति के साथ रही। ऐसे ही आज के कपल्स को भी इनसे सीखे लेनी चाहिए। इससे ही रिश्ते में मजबूती और मिठास आती है। संकट आने पर एक- दूसरे का साथ देने से मुश्किलें आसान हो जाती हैं।

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पैसा सब कुछ नहीं होता

सीता माता राज घराने की पुत्री और कुलवधु थी। मगर फिर भी उन्होंने राजसी सुखों को त्याग कर पति के साथ वन में जाने का फैसला किया। वहीं आज की बात करें तो लोग शादी करने से पहले ही पार्टनर के नेचर, बैंक बैलेंस व सुखी सुविधाओं के बारे में पूरी जानकारी लेना पसंद करते हैं। हालांकि जीवनसाथी सुख- दुख में साथ देने वाला है या नहीं यह देखना चाहिए।

पतिव्रता-पत्नीव्रता 

रावण द्वारा सीता हरण के बाद भी माता सीता ने अपने पत्नि धर्म का अच्छे से पालन किया। श्रीराम से दूर होकर भी उनकी यादों के सहारे जीती रही। इसके साथ ही रावण द्वारा समझाने, धमकाने या लालच देने पर भी वह नहीं मानी। अपने पत्नि धर्म को निभाती रही। वहीं प्रभु श्रीराम ने भी अश्वमेघ यज्ञ के दौरान माता जानकी के न होने पर उनकी मूर्ति को अपने साथ बैठाया। उन्होंने भी सीता माता की अनुपस्थिति में दूसरा विवाह न कर अपना पति धर्म बखूबी निभाया। इसके साथ ही एक-दूसरे से दूर होने पर भी दोनों के प्यार में कोई कमी नहीं आई।

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पत्नी का सम्मान और सुरक्षा सबसे पहले

सीता माता के हरण के बाद जितनी दुखी जानकी थी, उतने ही परेशान श्रीराम भी थे। अपनी पत्नी के मान- सम्मान और सुरक्षा के लिए उन्होंने रावण से युद्ध किया। रावण का वध कर संपूर्ण राक्षस जाति का संहार किया। ऐसे में अगर आप इन बातों को अपने जीवन में अपना लें तो आपकी मेरिड लाइफ सुखी और खुशहाली से बीतेगी।

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