नारी डेस्क: जन्माष्टमी के पावन पर्व पर ब्रज मंडल का कोना कोना कृष्णमय हो गया है और भक्ति यहां पर नृत्य कर रही है। मन्दिरों में लम्बी लम्बी लाइने लगी हैं। आज सुबह जब जन्माष्टमी की शुरूआत श्रीकृष्ण जन्मस्थान में शहनाई और बम्ब वादन से हुई तो जन्मस्थान परिसर में मौजूद हजारों श्रद्धालु भाव विभोर होकर नृत्य करने लगे।
इसके बाद ही मंगला आरती हुई तथा अभिषेक के बाद उपस्थित जनसमुदाय में चरणामृत का वितरण किया गया। जन्मस्थान परिसर के गर्भगृह को जेल का स्वरूप देना आज तीर्थयात्रियों की चर्चा का विषय बना रहा। अब तक दो लाख से अधिक लोग श्रीकृष्ण जन्मस्थान स्थित मन्दिरों के दर्शन कर चुके थे तथा श्रद्धालुओं का तेजी से आना जारी था।
विख्यात द्वारकाधीश मन्दिर में आज जन्माष्टमी की शुरूआत पहले कान्हा की प्रिय वंशीवादन से हुई तथा बाद में शहनाई और नगाड़ी भी इसमें शामिल हो गए। आज प्रात:कालीन अभिषेक के बाद मन्दिर में मौजूद सभी भक्तो में चरणामृत का वितरण किया गया। शहर में रहनेवाले अधिकांश लोग इस चरणामृत को गृहण करने के बाद ही अपना वृत शुरू करते हैं।
वृन्दावन के मन्दिरों में आज जन्माष्टमी मनाई गई। राधा श्यामसुन्दर मन्दिर में आज जन्माष्टमी की शरूवात अखंड हरिनाम संकीर्तन से हुई। यह संकीर्तन रात 2 बजे तक अनवरत रूप से चलता रहेगा। वृन्दावन इस्कान में आज जहां विदेशी भक्तों ने निर्जला वृत रखा वहीं मंगला आरती के बाद दर्शन आरती के पहले मन्दिर के विगृहों को नई पोशाक धारण कराई गई तथा सुबह से कीर्तन चल रहा है।
आज सुबह से ही मन्दिर में दर्शन के लिए आने वाले हर भक्त को वृत का प्रसाद खाने के लिए दिया जा रहा है। उधर उत्तर को दक्षिण से जोड़ने वाले रंग जी मन्दिर में आज जन्माष्टमी का आयोजन दक्षिण और उत्तर भारत की परंपराओं को मिलाकर किया गया।
वैसे जन्माष्टमी के पावन पर्व पर हर घर एक मन्दिर बन गया है तथा भजन और कीर्तन के आयोजन से वातावरण भक्ति से परिपूर्ण हो गया है।