साल में 12 अमावस्या मनाई जाती है हर किसी अमावस्या का अपना ही महत्व होता है। पौष महीने में आने वाली इस अमावस्या को पौष अमावस्या कहते हैं। इस महीने में पितरों का श्राद्ध, कर्म, तर्पण और दान आदि करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, अमावस्या की तिथि के स्वामी पितर देवता को माना जाता है। इस दिन आप कुछ विशेष उपाय करके मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु की कृपा पा सकते हैं। लेकिन इसी के विपरीत कुछ नेगेटिव कुछ कार्य करने से जीवन पर नेगेटिव प्रभाव भी पड़ता है। इस दिन कुछ काम करना अच्छा नहीं माना जाता तो चलिए जानते हैं कि इस दिन क्या-क्या नहीं करना चाहिए..
न करें किसी नए काम की शुरुआत
ज्योतिषाशास्त्र के अनुसार, अमावस्या तिथि पर सिर्फ पितरों की ही याद किया जाता है। इस दिन सिर्फ धर्म और कर्म का काम किया जाता है। शास्त्रों के अनुसार, पौष अमावस्या के दिन कोई नए काम, यात्रा और शुभ कार्य नहीं करने चाहिए। इसके अलावा अमावस्या के दिन कोई भी बड़ा फैसला भी नहीं लेना चाहिए।
किसी के घर में न करें भोजन
अमावस्या की तिथि पर कभी भी दूसरे के घर भोजन नहीं करना चाहिए। इसके अलावा किसी से भोजन सामग्री भी इस दिन उधार नहीं लेनी चाहिए। मान्यताओं के अनुसार, इससे आपका जीवन संकट से भर सकता है।
न तोड़ें तुलसी
ज्योतिषशास्त्र के अनुसार, कुछ खास तिथि पर तुलसी और बेलपत्र भी नहीं तोड़ने चाहिए। ऐसा माना जाता है कि इस दिन तुलसी और बेलपत्र तोड़ने से आप पाप के भागीदार भी बन सकते हैं। मान्यताओं के अनुसार, इससे आपको जीवन में नुकसान उठाना पड़ सकता है।
न जाएं किसी सुनसान जगह पर
इसके अलावा पौष अमावस्या के दिन कभी भी किसी सुनसान जगह पर भी नहीं जाना चाहिए। मान्यताओं के अनुसार, इससे नेगेटिव शक्तियां आप पर हावी हो सकती हैं। खासकर मान्यताओं के अनुसार, जिनका आत्मविश्वास कमजोर हो उनपर यह शक्तियां जल्दी हावी होने लगती हैं।
न तोड़ें पेड़
हिंदू धर्म में पेड़-पौधों का भी खास महत्व बताया गया है। ऐसे बहुत से पेड़-पौधे होते हैं जिनमें देवी-देवताओं का वास होता है पीपल, बबूल, बरगद, नीम, आंवला के पेड़ों को भूलकर भी कोई नुकसान न पहुंचाें। माना जाता है इन पेड़ों को नुकसान पहुंचाने से पितृ दोष लगता है। इसके अलावा भगवान विष्णु भी आपसे नाराज हो सकते हैं।