पीरियड्स एक ऐसी नेचुरल प्रकिया है, जिससे महिलाओं को हर महीने गुजरना पड़ता है। मगर, हमारे समाज में आज भी लोगों के मन में पीरियड्स को कई अवधारणाएं है जैसे इन दिनों किचन-मंदिर में ना जाना, आचार को हाथ ना लगाना, पौधों को पानी ना देना आदि। यही नहीं, बड़े-बूढ़ों की मानें तो इस दौरान कुछ कामों को करने से औरतों को शारीरिक दर्द ही नहीं कई अच्छी खासी समस्या हो सकती है, जिसके बारे में आज हम आपको बताएंगे।
पूजा करना
मान्यता है कि इस दौरान मंदिर जाने या भगवान की पूजा करने से उउनका प्रकोप बरसता है इसलिए पीरियड्स में महिलाओं को पूजा करने की मनाही होती है।
खाना बनाना
वैसे तो आजकल इस अवधारणा को कोई नहीं मानता लेकिन कई जगहों पर आज भी पीरियड्स में लड़कियों को किचन में नहीं जाने दिया जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि लोगों को मानना है कि इससे खाना दूषित हो जाता है और जहर फैल सकता है। अब इस हो सकता है कि पहले के जमाने प्रोटेक्शन के सही तरीके ना होने की वजह से महिलाओं को ऐसा करने की मनाही हो क्योंकि ज्यादा काम करने से महिलाओं को शारीरिक तकलीफ के साथ इंफेक्शन भी हो सकता है।
पीने का पानी खुद लेने से मनाही
पहले के जमाने में महिलाओं को इस दौरान खुद पानी भी नहीं लेने दिया जाता था। हालांकि इस दकियानूसी प्रथा को अब शायद ही कोई मानता हो।
जमीन पर सोना बेस्ट
दादी-नानी कहती थी इस दौरान महिलाओं को जमीन पर सोना चाहिए। यह प्रथा शायद इसलिए बनाई गई हो ताकि दाग लगने का खतरा ना रहे। मगर, आजकल सुविधाएं होने की वजह से महिलाएं इस अंधविश्वास को नहीं मानती।
अचार को छूना गलत
माना जाता है कि पीरियड्स में आचार को छूने से वो खराब हो जाता है क्योंकि उसमें कीटाणु फैल जाते हैं। मगर, यकीन मानिए यह वाकई सिर्फ एक अंधविश्वास है क्योंकि मेंस्ट्रुअल साइकल का कीटाणु से कोई ताल्लुख नहीं होता।
छोटे बच्चों/बुजुर्ग के पास जाना
ऐसा कुछ नहीं होता कि पीरियड्स में बच्चों या बुजुर्गों के पास जाने से कोई श्राप लगेगा या यह धर्म का उलंघन होगा। हां, इस नियम के लिए आप यह तर्क दे सकते हैं कि इस दौरान महिलाओं से ज्यादा काम नहीं करवाना होगा इसलिए यह नियम बनाया गया हो।
पौधों को पानी देना
आपने भी अक्सर बड़े-बूढ़ों को कहते सुना होगा कि इन दिनों में तुलसी या किसी भी पौधे को पानी नहीं देना चाहिए क्योंकि इससे वो मर जात हैं। तुलसी हिंदू धर्म में पूजनीय पौधा माना जाता है इसलिए उसे छूने की मनाही होती है लेकिन यकीन मानिए सभी पेड़ों-पौधों को छूने से कुछ नहीं होगा और ना ही कोई श्राप लगेगा।
गाय को छूना
उफ्फ.. अब इस दकियानूसी सोच के बारे में आप क्या कहें। भला पीरियड्स में गाय को छूने से क्या वो सचमुच दूध देना बंद कर देगी। यकीन मानिए इस दौरान गाय को छूने से वो वाकई अपवित्र नहीं होगी।
बाल धोना
पीरियड्स में बाल ना धोने का मतलब यह नहीं कि आप पर कोई प्रकोप बरसेगा। दरअसल, दरअसल, इस दौरान अंडे टूटते हैं और उसमें एकत्रित खून शरीर से बाहर निकल जाता है। ऐसे में अगर बाल धोने से बॉडी टेम्प्रेचर ठंडा हो जाएगा और ब्लीडिंग सही नहीं होगी। हालांकि पीरियड्स के 3 दिनों बाद आप बाल भी धो सकती हैं।
पार्टनर के साथ संबंध बनाना
कुछ लोगों का मानना है कि अगर आप इस दौरान पति को छुने, गले या हाथ लगाने से वो दूषित हो जाएगा जबकि यह सच नहीं है। वैज्ञानिकों की मानें तो इस दौरान रिलेशन बनाने से एंडोर्फिन और स्ट्रेस बस्टिंग केमिकल्स बनते हैं, जिससे क्रैम्प्स से राहत मिलती है।
इन अंधविश्वास के बारे में आपका क्या सोचना है यह तो हम नहीं जानते लेकिन सच्चाई यही है कि इस समय महिलाएं दूषित या अशुद्ध नहीं होती बल्कि यह एक नेचुरल प्रक्रिया है, जो महिलाओं के लिए बहुत जरूरी है।