इस साल का पहला सूर्य ग्रहण 10 जून दिन गुरूवार को लगेगा। इसी दिन शनि जयंती का पावन पर्व भी होने अद्भुत संयोग देखने को मिलेगा। वैसे भारत के पूर्वोत्तर राज्य और जम्मू-कश्मीर में आशिंक रूप से ग्रहण दिखाई देगा। ऐसे में भारत में सूर्य ग्रहण का कोई सूतक काल नहीं माना जाएगा। यह ग्रहण वृष राशि और मृगशिरा नक्षत्र में लगेगा। ऐसे में वृषभ राशि के लोगों पर इसका गहरा असर होगा।
वहीं भले ही यह ग्रहण भारत में दिखाई ना दें। मगर इसका असर हर किसी के जीवन पर पड़ता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, ग्रहण के दौरान व बाद में कुछ उपायों को करके इसके अशुभ फल से मुक्ति पाई जा सकती है। इन उपायों से कुंडली में ग्रह-नक्षत्रों की स्थिति मजबूत होने के साथ घर में अन्न व धन की बरकत बनी रहेगी। तो आइए जानते हैं उन उपायों के बारे में...
घर में सुख-शांति के लिए
सूर्यग्रहण के बाद पीपल पेड़ के नीचे सरसों तेल का दीपक जलाकर पितरों को याद करते हुए दूध से तैयार मिठाई के 5 टुकड़े रखें। फिर पेड़ की 7 परिक्रमा करके आसपास मौजूद किसी गरीब, बेसहारा व्यक्ति को अपने सामर्थ्य अनुसार दान दें। इससे सूर्य देव की कृपा होने के साथ पितरों का आशीर्वाद मिलेगा। घर में सुख-समृद्धि, शांति व खुशहाली का वास होगा।
परेशानियों से मिलेगा छुटकारा
सूर्यग्रहण के दौरान तिल, नींबू और पका केला लेकर उसे बहते हुए जल में प्रवाहित करें। फिर गायत्री मंत्र या महामृत्युंजय मंत्र का जप करें। इससे कुंडली में राहू-केतु व ग्रहण के अशुभ प्रभाव से छुटकारा मिलेगा। जीवन की सभी परेशानियां दूर होकर अन्न व धन की बरकत बनी रहेगी।
आय वृद्धि के खुलेेंगे नए रास्ते
सूर्यग्रहण के समय आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करें। इससे सूर्यदेव की कृपा मिलने के साथ कुंडली में सूर्य की स्थिति मजबूत होने में मदद मिलेगी। साथ ही ग्रहण के बाद गाय माता के लिए गौ ग्रास निकालें। इससे कारोबार व नौकरी में तरक्की और आय के नए स्त्रोत खुलेंगे।
समाज में बढ़ेगा सम्मान
सूर्यग्रहण के बाद परिवार के सभी सदस्यों से कुछ सिक्के लेकर मंदिर में दान करें। इसके साथ ही गेहूं, गुड़, तांबे, चना, तिल आदि का भी दान दें। इससे कुंडली में राहु-केतु के अशुभ प्रभाव से मुक्ति मिलेगी। समाज में सम्मान मिलेगा और करियर में सफलता मिलने के चांसिस बढ़ेंगे।
ग्रह-नक्षत्रों का शुभ फल होगा प्राप्त
ग्रहण के बाद घर की अच्छे से सफाई करके गंगाजल से छिड़काव करें। घर के सभी सदस्य भी नहाकर साफ कपड़े पहनें। अगर आपने ग्रहण काल को कोई वस्तु दान देने के लिए रखी थी तो उसका तुरंत दान करें। शाम को मंदिर में जाकर भगवान के दर्सन करके प्रार्थना करें। इससे आपके जीवन की परेशानियां दूर होंगी। इसके साथ ही कुंडली में ग्रह-नक्षत्रों का भी शुभ फल मिलेगा।
ऐसे मिलेगी ग्रहण के अशुभ प्रभाव से मुक्ति
सूर्यग्रहण के बाद पूजा स्थल में चमेली के तेल का दीपक जलाएं। फिर पूरे गुग्गल का धुंआ करके पूरे घर में फैलाएं। इससे ग्रहण के अशुभ प्रभाव से छुटकारा मिलेगा।
मंत्रों का करें जप
ग्रहण काल में मंदिर व सभी पूजा स्थल के कपाट बंद किए जाते हैं। मगर इस दौरान मंत्रों का जप करने से लाभ मिलता है। इसलिए ग्रहण काल सूर्य मंत्र या अपने इष्टदेवों का मंत्र जप करें। इससे भगवान सूर्य प्रसन्न होंगे साथ ही ग्रहण के अशुभ प्रभाव का असर कम होगा।