हर कोई चाहता है कि उनका बच्चा बेस्ट हो। ऐसे में कई पेरेंट्स उन्हें अच्छी आदतें सिखाने के चक्कर में खुद गलत बातों का सहारा लेने लगते हैं। जी हां, बहुत से पेरेंट्स बच्चे से होेमवर्क करवाने के लिए आइसक्रीम या खिलौने दिलाने का वादा करते हैं। वहीं कई पेरेंट्स दूसरे बच्चों की कोई क्वाविटी देखकर खुद के बच्चे को भी ऐसा करने को कहते हैं। मगर ऐसे बर्ताव एकदम गलत होता है। इससे बच्चे अच्छी चीजें व बातें सिखने की जगह पर और भी बिगड़ने लगते हैं। वहीं कुछ बच्चे पेरेंट्स के ऐसे बर्ताव से डर या सहम जाते हैं। तो आइए आज हम आपकोे कुछ ऐसी ही गलतियों के बारे में बताते हैं, जिसे पेरेंट्स को बच्चे की परवरिश के दौरान करने से बचना चाहिए...
लालच देकर काम करवाने से बचें
कई पेरेंट्स बच्चे से होमवर्क या कोई काम करवाने के लिए अलग-अलग चीजें देने का लालच देेते हैं। मगर ऐसा करना बिल्कुल गलत होता है। इससे बच्चे अपनी जिम्मेदारियों को समझ नहीं पाता है। ऐसे में उसे सही-गलत सी पहचान करवा कर उसकी जिम्मदारियां समझाएं।
किसी के सामने चिल्लाएं ना
अक्सर पेरेंट्स बच्चे द्वारा कुछ गलत करने पर उसे सभी के सामने डांटने लगते है। मगर इससे बच्चा सहम सकता है। ऐसे में वे आगे चल कर किसी पब्लिक प्लेस में बोलने से डक सकता है। इसके लिए जरूरी है कि बच्चे के गलत व्यवहार करने पर उसे अकेले ले जाकर प्यार से सही व गलत की पहचान करवाएं।
किसी के सामने कोई एक्टिंग या डांस करने को कहना
अक्सर पेरेंट्स घर पर मेहमान आने पर अपने बच्चे को उनके सामने एक्टिंग, डांस या कविता सुनाने को कहते हैं। भले ही ये आपको एंटरटेनिंग लगे मगर इससे बच्चे के दिमाग पर बुरा प्रभाव पड़ता है। असल में, इस तरह का आपका व्यवहार देखकर बच्चे को लगेगा कि अगर वो कहना नहीं मानेगा तो उसे मम्मी-पापा प्यार नहीं करेंगे। इसके अलावा उसे डांट सुनने को मिलेगी।
दूसरे बच्चे से तुलना करना गलत
अगर आप भी अपने बच्चे की तुलना दूसरे बच्चों से करते हैं तो अपनी इस आदत को सुधार लें। असल में, यह जरूरी नहीं की आपका बच्चा हर काम में तेज हो। वहीं ऐसा भी हो सकता है कि जो काम आपका बच्चा कर सकता है वो कोई और ना कर पाएं। ऐेसे में उसकी इस तरह तुलना करने से उसके मन में नेगेटिव असर हो सकता है। वहीं अपने बच्चे की पसंद-नापसंद को जानकर उसे मोटिवेट करें।
गलती करने पर भी गुस्से से नहीं प्यार से समझाएं
बच्चे के सामने हमेशा शांति से पेश आना चाहिए। असल में, उनका मन बहुत ही कोमल होता है। ऐसे में किसी भी बात को जल्दी ही दिल पर लगा लेते हैं। इसके लिए जरूरी है कि पेरेंट्स उन्हें हर चीज प्यार से समझाएं। बच्चे की कोई गलती होने पर भी उसपर गुस्सा या चिल्लाने की जगह पर प्यार से समझाएं। वैसे भी बच्चे गुस्से की जगह प्यार की भाषा जल्दी समझते हैं।