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FAKE ALERT: क्या 'गृह विभाग' के अधिकारी बनकर घरों को लूट रहे लोग?

  • Edited By Anjali Rajput,
  • Updated: 18 Jun, 2021 12:08 PM
FAKE ALERT: क्या 'गृह विभाग' के अधिकारी बनकर घरों को लूट रहे लोग?

घरों में लूट-पाट ​की घटनाएं अक्सर सामने आती रहती हैं। वहीं, व्हाट्सएप और फेसबुक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक मैसेज खूब वायरल रहा है कि कुछ लोग 'गृह विभाग' के अधिकारी बनकर घरों को लूट रहे हैं। मेसैज में लोगों को इनसे सावधान रहने की सलाह दी गई है।

सोसल मीडिया पर वायरस हो रही चेतावनी

व्हाट्सएप पर शेयर किए जा रहे संदेश में कहा गया है, "सुरक्षा चेतावनी: सावधान रहें, एक ग्रुप घरों में जा रहा है और गृह विभाग के अधिकारी होने का नाटक कर रहा है। उनके पास गृह मंत्रालय के लेटरहेड विभाग के दस्तावेज़ हैं और वे इस बात की पुष्टि करने का दावा करते हैं कि आगामी चुनावों के लिए सभी के पास एक वैध आईडी है। वे घरों को लूट रहे हैं। ध्यान रहे सरकार की ओर से ऐसी कोई पहल नहीं हुई है। इसे अपने पड़ोस समूह चैट पर भेजें। वे हर जगह हैं और लोगों को लूट रहे हैं।”

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बर्मिंघम में भी शेयर किया गया मैसेज

बता दें कि भारत के कुछ फेसबुक उपयोगकर्ताओं ने नवंबर, 2018 में इस मैसेज को पोस्ट किया था, जबकि यूनाइटेड किंगडम के बर्मिंघम के एक फेसबुक उपयोगकर्ता ने केवल 22 घंटे पहले यही संदेश पोस्ट किया था।

क्या है वायरल मैसेज की सच्चाई?

गृह विभाग के अधिकारियों द्वारा घरों को लूटने वाले धोखेबाजों से चेतावनी देने वाला यह संदेश सच नहीं है। बता दें कि 2017 में भी इसी तरह की घटना की सूचना मिली थी लेकिन दक्षिण अफ्रीका के केप टाउन से, भारत के किसी भी हिस्से से नहीं। Google पर "होम अफेयर्स लीडिंग ग्रुप अराउंड" कीवर्ड सर्च करके आप सच्चाई का पता लगा सकते हैं।

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दक्षिण अफ्रीका के केपटाउन से सामने आई थी घटनाएं

दक्षिण अफ्रीका के गृह मामलों के विभाग के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट ने तब एक मीडिया बयान जारी किया था, जिसमें कहा गया था, "गृह मंत्रालय समुदाय के सदस्यों को उन लोगों के समूह के बारे में चेतावनी देना चाहता है जो घरों में जा रहे हैं और विभाग के अधिकारी होने का नाटक कर रहे हैं। वे अपने साथ लेटरहेड के साथ दस्तावेज़ और आगामी चुनावों के लिए आईडी कार्ड होने का दावा करते हैं। ये व्यक्ति अपराधी हैं जो बाद घरों में को लूटते हैं। विभाग की ओर से ऐसी कोई पहल नहीं है। अगर विभाग ऐसी कोई पहल करेगा तो वह सरकारी चैनलों के माध्यम से आपको सूचित करेगा।

आगामी चुनावों से पहले सतर्क रहना अच्छा है लेकिन सोशल मीडिया पर फैलने वाले इन झूठे मैसेज पर विश्वास करने से पहले अच्छी तरह जांच पड़ताल कर लें।

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