बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत को भले ही सालों हो गए हैं, लेकिन आज भी उन्हें ना सिर्फ याद किया जाता है बल्कि उनके लिए इंसाफ की मांग भी की जा रही है। आरोप है कि फिल्म इंडस्ट्री में हुए भेदभाव के चलते सुशांत पर इतना गहरा असर पड़ा कि उन्हे सुसाइड करना पड़ा। इन दावों के सच्चाई के बारे में तो कोई नहीं जानता लेकिन फिल्ममेकर मधुर भंडारकर को यह बात सही लगती है।
हाल ही में मधुर भंडारकर ने कुछ ऐसा बयान दे दिया है, जिसकी उम्मीद शायद किसी को नहीं थी। दरअसल वह बॉलीवुड के बायकॉट को लेकर अपनी राय दे रहे थे, इस दौरान उन्होंने सुशांत का भी जिक्र कर डाला। नैशनल अवॉर्ड और पद्म श्री से सम्मानित मधुर का कहना है कि बायकॉट ट्रेंड नया नहीं है, लेकिन कॉन्टेंट अच्छा है तो बायकॉट के बावजूद लोग सिनेमाघरों में फिल्में देखने जाते हैं। उनका मानना है कि कहीं ना कहीं इस ट्रेंड में सुशांत और उनकी मौत भी शामिल है।
बताया जाता है कि मधुर और सुशांत के बीच अच्छा रिश्ता था। फिल्ममेकर ने अपनी इंटरव्यू में कहा- "मैंने यह नोटिस किया है कि बायकॉट ट्रेंड मुख्य तौर पर सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद ज्यादा देखने को मिला है। हो सकता है इंडस्ट्री ने उसे इग्नोर किया…वह फिल्मी बैकग्राउंड से नहीं था, वह आया और उसने यहां स्ट्रगल किया। यह बहुत दुखद है कि उसकी असमय मौत हुई, तभी से लोगों का गुस्सा बड़ा और वे बिगड़ गए"।
मधुर भंडारकर ने अपने बुरे वक्त को याद करते हुए कहा- "जब मेरी फिल्म 'इंदु सरकार' को राजनीतिक विरोध का सामना करना पड़ा था, तब मेरा कोई नहीं था। फिल्म इंडस्ट्री से कोई भी मेरे साथ खड़ा नहीं हुआ। बहुत सारे लोग, जो अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की बात करते हैं, मेरी फिल्म पर संकट आने पर किसी ने ट्वीट तक नहीं किया। मैं हमेशा दूसरे लोगों की फिल्मों के लिए खड़ा रहा हूं, मुझे बुरा लगा, मैं एक अकेली लड़ाई लड़ रहा था "।