कोविड 19 महामारी के बाद से रिश्तों की परिभाषा ही बदल गई है। एक वायरस ने हर रिश्ते को बदल दिया। काम या पढ़ाई की वजह से हम जिन परिवार वालों से दूर रहते थे, कोरोना के दौरान हम उनके साथ ज्यादा वक्त बिताने लगे। कोविड-19 को मात देने के लिए लोग घर की चार दीवारी में कैद हो गए। परिवार के आपसी सहयोग और एक-दूसरे के प्रति प्रेम की भावना बढ़ी। आपको ये जानकर हैरानी होगी की कोरोना की वजह से कई सारे टूटे हुए रिश्ते बनने भी लगे। आईए जानते हैं कोरोना ने हमें रिश्तों की कैसे अहमियत सिखाई।
पति-पत्नी के बीच रिश्ते हुए मज़बूत
कोरोना में लगे लॉकडाउन की वजह से सभी लोगों को घर से ही काम करना पड़ा, जिससे पति-पत्नी के रिश्ता मजबूत हो गए। खासकर के वर्किंग पार्टनर्स के बीच, दोनों ने घर पर साथ में ऑफिस का काम भी किया और घर का भी। जहां पहले पत्नियां ऑफिस के साथ घर का भी काम संभाला करती थी, वहीं कोविड के दौरान पतियों ने भी मदद करनी शुरु की। कपल्स ने इस मौके पर एक-दूसरे के साथ समय बिताया और उनकी बीच की कई गलफहमियां दूर हो गई।
बच्चों ने पेरेंट्स के साथ बिताया खूब समय
कोरोना की वजह से लोगों का वर्क फॉर्म होम शुरु हो गया तो वहीं स्कूल-कॉलेज बंद हो गए। ऐसे में बच्चों को पेरेंट्स के साथ खूब समय बिताना को मिला। घर पर रहकर उन्होनें जिंदगी से जुड़ी कई अहम बातें और स्किल्स भी सिखीं। पहले जहां बच्चे स्कूल जाते थे, पार्क में दोस्तों के साथ खेलते थे, वहीं कोरोना के दौरान बच्चे घर पर रहने पर को मजबूर हो गए। उन्होनें जिंदगी में आए इस नए बदलाव से एडजस्ट करना सीख लिया। लॉकडाउन में बच्चों ने भी अपने पेरेंट्स की घर के कामों में मदद की। कोविड महामारी ने बच्चों को जिम्मेदारी बनाया, उन्होंने रिश्तों, सेहत और पैसों की अहमियत को समझा।
लोगों ने सीखा हर पल को एंजॉय करना
कोरोना की महामारी ने हमें सिखाया की जिंदगी का एक-एक पल हमारे के कितना महत्वपूर्ण है। घर में कैद रहकर इन पलों को एंजॉय किया। लोगों को अपने करीबियों की कमी को खली, लेकिन फिर भी एडजस्ट करना सीख लिया।