अंटार्कटिका एक ऐसा महाद्वीप है, जहां कोरोना वायरस के मामले सबसे कम थे लेकिन अब कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन से इसे भी अपनी चपेट में ले लिया है। जी हां, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, डेनमार्क, नीदरलैंड और इटली के अलावा अब अंटार्कटिका महाद्वीप को भी अपने घेरे में ले लिया है।
अंटार्कटिका में मिले नए स्ट्रेस के 36 मामले
अंटार्कटिका प्रायद्वीप में कोरोना के नए स्ट्रेस के 36 मामले सामने आए हैं, जिसमें से 26 सैनिक और बाकी 10 मेंटेनेंस कर्मचारी हैं। यह जानकारी अंटार्कटिका प्रायद्वीप पर मौजूद चिली सेना ने दी है, जिसे मामले की गंभीरता देखते हुए वापिस बुला लिया गया है। बता दें कि अभी कुछ दिन पहले ही अंटार्कटिका में मौजूद चिली की नौसेना रिसर्च स्टेशन पर सप्लाई और लोगों को पहुंचाने वाले एक जहाज पर 3 लोग कोरोना पॉजिटिव मिले थे। ऐसे में नए स्ट्रेन के इतने केस सामने आना खतरे की घंटी हो सकती है।
क्या भारत में भी फैल रहा कोरोना का नया रूप?
ब्रिटेन में मिले कोरोना के नए स्ट्रेन को लेकर भारत भी चिंतित है। हालांकि राहत की बात यह है कि भारत में इसके मामलों की पुष्टि नहीं की गई है। विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना का नया स्ट्रेन को लेकर भारत में कड़ी निगरानी रखी जा रही है। इस वायरस को फैलने से रोकने के लिए ब्रिटेन से आने वाली सभी फ्लाइट्स पर 31 दिसंबर तक रोक लगा दी गई है। वहीं, अब तक ब्रिटेन से भारत लोगों के लिए भी दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं।
पहले से ज्यादा खतरनाक है कोरोना का नया रूप
विज्ञानिकों का कहना है कि कोरोना का यह नया म्यूटेशन वायरस में 17 बदलावों के साथ मिलकर पैदा हुआ है, जो पहले से ज्यादा खतरनाक साबित हो सकता है। युवाओं को ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत है क्योंकि वो इसकी चपेट में जल्दी आ रहे हैं।
कैसे रखें बचाव?
एक्सपर्ट का कहना है कि इस नए स्ट्रेन से बचने के लिए नियमों को बदलने की जरूरत नहीं है कि क्योंकि यह पहले जैसे ही फैल रहा है। इसके लिए आपको विशेषज्ञों द्वारा बताए गए नियम जैसे- मास्क पहनना, सोशल डिस्टेंसिंग और हाथ धोना का नियमित पालन करें क्योंकि सावधानी ही इसका एकमात्र उपाय है।
वैक्सीनेशन पर नहीं होगा असर
गौरतलब है कि कोरोना को खत्म करने के लिए ब्रिटेन -अमेरिका सहित कई देशों में टीकाकरण शुरू हो चुका है, जिसके तहत लाखों लोगों को वैक्सीन लग चुकी है। मगर, कोरोना के इस नए स्ट्रेन ने वैज्ञानिकों की चिंता एक बार फिर बढ़ा दी है। हालांकि वैज्ञानिकों का कहना है कि इस नए स्ट्रेस से वैक्सीनेशन पर कोई असर नहीं होगा और ना ही इसे रोका जाएगा।
याद रखें कि नियमों का पालन करके किसी भी वायरस से बचा जा सकता है। इस समय घबराने की नहीं है बल्कि सतर्क रहने की जरूरत है।