मां के दूध को सबसे सर्वोत्तम दूध कहा गया है। डाॅक्टरों और शोध के अनुसार, नवजात शिशु के लिए मां का दूध संपूर्ण आहार है। इसलिए नवजात शिशु को पहले 6 तक स्तनपान करवाने की ही सलाह दी जाती है। मां के दूध में रोगाणु नाशक तत्त्व होते हैं, जो शिशु को हैल्थी औऱ बच्चे की इम्यूनिटी को स्ट्रांग बनाए रखती हैं। लेकिन वहीं बच्चे के जन्म के काफी समय बाद तक कई माएं शिशु को ब्रेस्ट फीड नहीं करा पाती, जिसकी कई वजह हो सकती हैं जैसे कि कई बार उचित आहार न लेना या अन्य वजहों से ब्रेस्ट मिल्क नहीं बनता है जिसके कारण पेरेंट्स काफी परेशान होते हैं। ऐसे में इसे लेकर एक बड़ी खबर सामने आई हैं।
अब साइंस लैब में तैयार किया जाएगा 'ब्रेस्ट मिल्क'
दरअसल, अब तकनीक ने इस हद तक प्रगति कर ली है कि ब्रेस्ट मिल्क अब लैबोरेट्री यानी कि साइंस लैब में तैयार किया जा सकेगा। जी हां, इस दूध में भी ब्रेस्ट मिल्क की तरह ही पोषक तत्व भरे होंगे।
दूध में मौजूद पोषक तत्व ब्रेस्ट मिल्क से भी अधिक हैं-
वैज्ञानिकों ने इसे 'बॉयोमिल्क' कहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, वैज्ञानिकों ने बताया कि बॉयोमिल्क में मौजूद पोषक तत्वों की लैब टेस्टिंग भी की गई है। बॉयोमिल्क में मां के दूध की तरह ही पोषक तत्व, प्रोटीन, फैटी एसिड और अन्य वसा पर्याप्त मात्रा में रहे, ये कोशिशें की गई हैं। हालांकि, वैज्ञानिकों का यह भी मानना है कि दूध में मौजूद पोषक तत्व ब्रेस्ट मिल्क से भी अधिक हैं।
दूध में एंटीबॉडी नहीं लेकिन न्यूट्रीशनल भरपूर है-
बॉयोमिल्क को बनाने वाली कंपनी की सह संस्थापक और मुख्य विज्ञान अधिकारी लैला स्ट्रिकलैंड ने इस पर बताया कि, दूध में एंटीबॉडी भले ही मौजूद नहीं है लेकिन बायोमिल्क की न्यूट्रीशनल और बायोएक्टिव कम्पोजीशन किसी भी अन्य प्रोडक्ट के मुकाबले अधिक ही हैं।
समय से पहले बेबी होने पर सूझा यह आईडिया-
लैला स्ट्रिकलैंड के अनुसार, बायोमिल्क बनाने का आइडिया उन्हें तब आया जब उनका बेबी समय से पहले ही पैदा हो गया था। तब तक उनके शरीर में ब्रेस्ट मिल्क बनना शुरू ही नहीं हुआ था। ऐसे में वह अपने बच्चे को फीडिंग नहीं करा पाई। इसी से प्रेरित होकर उन्होंने साल 2013 में लैब के अंदर मेमरी कोशिकाओं को पैदा करना शुरू किया। इसके बाद वर्ष 2019 में उन्होंने फूड विज्ञानी मिशेल इग्गेर को भी साथ लिया और इस प्रयोग को अंजाम दिया।
मार्केट में कब आएगा बॉयोमिल्क?
वैज्ञानिकों का कहना है कि तीन सालों में यह दूध बाजार में उपलब्ध हो सकेगा।