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बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास के लिए करवाएं ये योगासन

  • Edited By neetu,
  • Updated: 02 Nov, 2021 04:04 PM
बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास के लिए करवाएं ये योगासन

मौसम में बदलाव आने लगता है। इस दौरान बीमारियों की चपेट में आने का खतरा अधिक रहता है। वहीं बच्चों की इम्यूनिटी कमजोर होने से वे जल्दी ही बीमार हो जाते हैं। ऐसे में उनकी सेहत को दुरुस्त रखने के लिए पेरेंट्स बच्चों की डाइट का खास ध्यान रखते हैं। मगर आप इस दौरान बच्चों से कुछ योगासन भी करवा सकती है। इससे बच्चे की इम्यूनिटी व पाचन तंत्र बेहतर होगा और एकाग्रता शक्ति बढ़ेगी। ऐसे में आपके बच्चे का बेहतर तरीके शारीरिक व मानसिक विकास होगा।

. बालासन

इस योग को करने से ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है। शरीर के अंदरूनी अंगों में लचीलापन बढ़ता है। मन शांत होता है। गर्दन, कंधे व शरीर के अन्य हिस्सों में दर्द होने की शिकायत दूर होती है। ऐसे में बच्चे का बेहतर तरीके से शारीरिक व मानसिक विकास होने में मदद मिलती है।

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ऐसे करें बालासन

. सबसे पहले वज्रासन की मुद्रा में बैठ जाएं।
. अपने दोनों हाथों को आगे की ओर करके सिर को अपने सामर्थ्य अनुसार नीचे की तरफ झुका लें।
. अब अपने दोनों हाथों को सीधा करते हुए हथेलियां जमीन पर लगाएं।
. इस अवस्था में 15 से 20 सेकेंड तक रहिए।
. 3-5 बार इस प्रक्रिया को दोहराएं।

. ताड़ासन

ताड़ासन करने से मांसपेशियों व हड्डियों में मजबूती आती है। शरीर का लचीलापन दूर होता है। साथ ही लंबाई बढ़ने में मदद मिलती है। अगर आपके बच्चे की हाइट कम है तो आप रोजाना उससे ताड़ासन जरूर करवाएं। इसके अलावा इससे शरीर की जकड़न, दर्द आदि से भी आराम मिलता है।

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ऐसे करें ताड़ासन

. सबसे पहले एकदम सीधे खड़े हो जाएं।
. अब हाथों को ऊपर की ओर लेकर जाएं।
. दोनों हाथों को ऊपर हवा में रखें या नमस्ते की मुद्रा में जोड़ लें।
. कुछ सेकेंड इसी मुद्रा में रहिए।
. बाद में सामान्य अवस्था में आ जाएं।

. वृक्षासन

वृक्षासन करने से शरीर मजबूत होता है। इससे बच्चों को एकाग्रता शक्ति बढ़ने में मदद मिलेगी। रीढ़ की हड्डियां सीधी व मजबूत होती है। इम्यूनिटी और पाचन तंत्र दुरुस्त रहने में भी मदद मिलती है। इससे आपके बच्चे का बेहतर तरीके से शारीरिक व मानिसक विकास होगा।

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ऐसे करें वृक्षासन

. इसके लिए सबसे पहले एकदम सीधे खड़े हो जाएं।
. अब दाएं पैर को बाई जांघ पर रखें।
. उसके बाद दोनों बाजूओं को ऊपर उठाकर नमस्ते की मुद्रा में रखें।
. कुछ सेकेंड इसी अवस्था में रहकर सामान्य मुद्रा में आ जाएं।

 

 

 

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