प्रेगनेंसी में महिलाओं को मॉर्निंग सिकनेस, चक्कर आना, मूंड़ स्विंग के साथ-साथ कमर, पीठ दर्द जैसी परेशानियों का सामना भी करना पड़ता है। कई बार तो दर्द इतना बढ़ जाता है कि महिलाओं के लिए उठना-बैठना, चलना फिरना तक मुश्किल हो जाता है। ऐसे में Prenatal Massage (प्रसव पूर्व मालिश) से इन सभी छोटी-मोटी प्रॉब्लम्स की छुट्टी कर सकती हैं। चलिए आपको बताते हैं कि प्रेगनेंसी में प्रीनेटल से क्या क्या फायदे मिलते हैं।
क्या प्रेगनेंसी में मालिश करना सुरक्षित है?
कुछ माताएं दूसरी या तीसरी तिमाही में या यहां तक कि प्रसव के दौरान प्रसव पीड़ा से निपटने में मदद करने के लिए प्रसव पूर्व मालिश करना पसंद कर सकती हैं। मगर, पहले तीन महीनों में गर्भपात के चांसेस ज्यादा होते हैं। ऐसे में मसाज से कुछ ट्रिगर पॉइंट्स एक्टिव हो जाते हैं, जो हानिकारक है। ऐसे में मसाज करवाने से पहले हमेशा डॉक्टर की सलाह लें।
चलिए अब आपको बताते हैं कि प्रेगनेंसी में मसाज करने से क्या-क्या फायदे मिलते हैं...
प्रसव पूर्व मालिश के लाभ
प्रेगनेंसी में मसाज चिंता, पीठ और टांगों के दर्द को कम करने में कारगर मानी जाती है। साथ ही इससे नींद में भी सुधार होता है।
तनाव से मिलेगी राहत
शोध के अनुसार, गर्भावस्था में मसाज करने से तनाव कम किया जा सकता है। इससे पोस्टपार्टम डिप्रेशन का खतरा भी कम होता है।
सिरदर्द से राहत
गर्भावस्था के दौरान हार्मोनल बदलाव और निर्जलीकरण जैसे अन्य कारणों से महिलाओं को माइग्रेन का सिरदर्द हो सकता है। ऐसे में मसाज थेरेपी ट्रिगर पॉइंट्स को काफी हद तक शांत कर सकती है और सिरदर्द से राहत दिला सकती है।
सूजन करे कम
रक्त वाहिकाओं पर दबाव बढ़ने से जोड़ों में सूजन या सूजन हो सकती है। मगर, मालिश जोड़ों में द्रव संग्रह को कम करके सूजन को कम करती है।
बेहतर ब्लड सर्कुलेशन
मसाज करने से शरीर के हर हिस्से में ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है। इससे नस ब्लॉकेज व वैरिकाज़ नसों का खतरा भी काफी हद तक कम हो जाता है।
मूड़ स्विंग
शोध से पता चलता है कि प्रसवपूर्व मालिश फील-गुड हार्मोन (सेरोटोनिन और डोपामाइन) को सक्रिय करती है और आपके मूड में सुधार कर सकती है।
प्रीमैच्योर डिलीवरी का खतरा घटाए
शोध मसाज न केवल अवसाद को कम करता है बल्कि इससे समय से पहले और कम वजन वाले बच्चों की संभावना भी कम होती है।
हो सकते हैं साइड-इफेक्ट भी
. अगर आपको जी मिचलाना और चक्कर आ रहे हैं तो मालिश से परेशानी बढ़ सकती है, खासकर पहली तिमाही में।
. पहली तिमाही में प्रसव पूर्व मालिश से गर्भपात हो सकता है।
ध्यान दें कि मालिश किसी प्रमाणित मसाज थेरेपिस्ट या लाइसेंस प्राप्त मसाज थेरेपिस्ट से ही करवाएं।