23 DECMONDAY2024 3:26:25 AM
Nari

महाभारत से जुड़ी है राखी की डोर, जानिए कृष्ण और द्रौपदी की कहानी

  • Edited By vasudha,
  • Updated: 19 Aug, 2024 01:29 PM
महाभारत से जुड़ी है राखी की डोर, जानिए कृष्ण और द्रौपदी की कहानी

रक्षाबंधन, जिसे राखी का त्योहार भी कहा जाता है, भाई-बहन के पवित्र रिश्ते का प्रतीक है। यह त्योहार हिन्दू धर्म में विशेष महत्व रखता है, और इससे जुड़ी कई पुराणिक कथाएं हैं जो इसकी महत्ता को दर्शाती हैं।  भगवान श्रीकृष्ण और द्रौपदी से जुड़ी कथा सबसे अधिक प्रचलित है। श्रीकृष्ण और द्रौपदी के रिश्ते में भाई-बहन जैसा असीम स्नेह था। चलिए आपको बताते हैं रक्षाबंधन से जुड़ी पौराणिक कथा। 


द्रौपदी और श्रीकृष्ण की कथा

महाभारत के अनुसार, जब श्रीकृष्ण ने शिशुपाल का वध किया, तो उनकी अंगुली कट गई। यह देखकर द्रौपदी ने अपनी साड़ी का एक टुकड़ा फाड़कर कृष्ण की अंगुली पर बांध दिया। श्रीकृष्ण ने इसे द्रौपदी का रक्षा सूत्र माना और उनकी रक्षा करने का वचन दिया। इसी वचन के चलते, चीरहरण के समय श्रीकृष्ण ने द्रौपदी की लाज बचाई। इस घटना को रक्षाबंधन से जोड़ा जाता है।

रानी कर्णावती और हुमायूं की कथा

मध्यकालीन भारत की यह कथा है कि चित्तौड़ की रानी कर्णावती ने मुगल सम्राट हुमायूं को राखी भेजकर अपनी और अपने राज्य की रक्षा का अनुरोध किया। हुमायूं ने इस राखी को स्वीकार करते हुए रानी की रक्षा करने का वचन दिया और चित्तौड़ की रक्षा के लिए अपनी सेना भेजी। 

शची देवी और भगवान इंद्र

 पुराणों के अनुसार, देवताओं और दानवों के बीच एक युद्ध के दौरान इंद्र देव की पत्नी शची देवी (इंद्राणी) ने एक पवित्र धागा तैयार किया और उसे भगवान इंद्र की कलाई पर बांध दिया। इस रक्षा सूत्र की शक्ति से इंद्र ने युद्ध में विजय प्राप्त की। 

रक्षाबंधन का महत्व

- रक्षाबंधन भाई-बहन के अटूट रिश्ते का प्रतीक है, जहां बहन भाई की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना करती है और भाई बहन की रक्षा करने का वचन देता है।
-यह त्योहार परिवार को एकजुट करता है और भाइयों-बहनों के बीच स्नेह और प्रेम को बढ़ाता है।
-रक्षाबंधन भारतीय संस्कृति और परंपरा का अभिन्न हिस्सा है, और यह हमारे सांस्कृतिक धरोहर की समृद्धि को दर्शाता है।

इस प्रथा की शुरुआत

रक्षाबंधन की प्रथा की शुरुआत के संदर्भ में कोई निश्चित तथ्य नहीं है, लेकिन यह प्राचीन काल से जुड़ी हुई है। विभिन्न पुराणिक कथाओं और ऐतिहासिक घटनाओं से संकेत मिलता है कि यह त्योहार भाई-बहन के रिश्ते को सम्मानित करने की परंपरा के रूप में सदियों से मनाया जाता रहा है।रक्षाबंधन का त्यौहार केवल एक धागा बांधने का नहीं, बल्कि यह भाई-बहन के रिश्ते की गहराई और पवित्रता को मान्यता देने का अवसर है।


 

Related News