किसी ने सच ही कहा है की अगर पृथ्वी पर कहीं स्वर्ग है तो वह कश्मीर ही है। यहां की प्राकृतिक सुंदरता और ठंड लोगों को अपनी ओर खींच ही लेती है। पहाड़,झीलें और मन को मोह लेने वाले पर्वतीय वातावरण को देखकर एक बार तो ऐसा लगता है कि हम किसी किसी दूसरी दुनिया में आ गए हैं। तभी तो इसे मिनी स्विट्ज़रलैंड भी कहा जाता है।
कश्मीर में 40 दिन का 'चिल्लई कलां' का दौर 21 दिसंबर से शुरू हो गया है । इस दौरान क्षेत्र में कड़ाके की ठंड पड़ती है और तापमान में भी गिरावट दर्ज की जाती है, जिससे यहां की प्रसिद्ध डल झील के साथ-साथ घाटी के कई हिस्सों में पानी की आपूर्ति लाइनों सहित जलाशय जम गए हैं, हालांकि इसके बावजूद दूर- दूर से पर्यटकों के यहां आने का सिलसिला जारी है।
जम्मू-कश्मीर के उधमपुर जिले में स्थित पटनीटॉप की बर्फबारी सबसे बेस्ट मानी जाती हैं। यहां आपको चारो ओर बर्फ देखकर ऐसा लगेगा जैसे स्वर्ग में आ गए है। य़हां पर आप प्रकृति के साथ-साथ बर्फबारी और स्नोबोर्डिंग का मजा ले सकते हैं।
वहीं फूलों की घाटी गुलमर्ग में जिस तरह आपको बर्फ का आनंद मिलेगा वो शायद और कहीं ना मिले। यहां पर लोग कैम्पिंग, ट्रेकिंग और नेचुरल वॉक का आनंद लेते हैं।
गुलमर्ग और पहलगाम में भीषण ठंड के साथ ही घाटी के अधिकतर हिस्सों में न्यूनतम तापमान जमाव बिंदु से नीचे आ गया है। । गुलमर्ग में लगातार तीन दिनों से न्यूनतम तापमान शून्य से 10 डिग्री सेल्सियस नीचे या उससे कम रहा।
दक्षिण कश्मीर के पहलगाम में न्यूनतम तापमान शून्य से 10.4 डिग्री सेल्सियस नीचे रहा। जम्मू-कश्मीर की ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर में रविवार रात न्यूनतम तापमान 0.2 डिग्री सेल्सियस रहा। काजीगुंड में न्यूनतम तापमान शून्य से 0.6 डिग्री सेल्सियस नीचे रहा।