चीन के वुहान शहर से शुरू हुए कोरोनावायरस के फैलने का असल कारण चमगादड़ को बताया जाता है। अभी तक चीन के दिए तथ्यों में एक ही बात सामने आई कि ये वायरस चमगादड़ से फैला जबकि ऐसी खबरों के आने के बाद हर एक के मन में जिज्ञासा है व एक आंशका भी है कि चमगादड़ से कोरोना एक इंसान में कैसे आ सकता है और आ भी सकता है या नही।
हाल ही में इंडियन मेडिकल काउंसिल ऑफ रिसर्च (ICMR) के अध्यक्ष आर गंगाखेडकर ने कहा कि चमगादड़ से इंसानों में कोरोना वायरस आने की घटना बहुत दुर्लभ यानि बहुत ही रेयर है। वह अपनी बात को स्पष्ट रूप से समझाते हुए कहते है कि जब कोई वायरस जाति बदलता है तो तब ये इंसानो में फैलता है।
आर गंगाखेडकर ने बताया कि, ' ये कोरोनावायरस चमगादड़ो के अंदर भी पाया जाता है। वह कहते है कि चीन में जो रिसर्च हुई है उसमें पता चला है कि जो वायरस इंसानों यानि हम लोगों में पाया गया है या तो चमगादड़ों के वायरस में ऐसे म्यूटेशन (परिवर्तिन) का विकास हुआ जिससे वो इंसान के अंदर जाने की भी क्षमता रखता होगा और बीमारी करता होगा, इस किस्म का विषाणु बन गया और इंसानों में आया, दूसरा एक कहा जाता है कि चमगादड़ों से पैंगुलीन (एक तरह का स्तनपायी) में आया होगा और वहां से इंसानों में आया होगा.’
इसके साथ ही वह बताते है कि, ' चमगादड़ दो किस्म के होते है जिनमें कोरोना वायरस दिखाई दिया वह चमगादड़ो का कोरोना वायरस था और वो इंसानों में आने वाला वायरस नही था। वह कहते है कि चमगादड़ से इंसान में वायरस के आने की घटना साल में एक आध बार हेती है जब कोई वायरस जाति बदलता है।