भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) पर लगे आरोपों की जांच और महासंघ के संचालन के लिए खेल मंत्रालय द्वारा गठित निगरानी समिति में पूर्व राष्ट्रमंडल खेल गोल्ड मेडलिस्ट बबीता फोगाट को शामिल किया गया है। खेल मंत्रालय ने मंगलवार को इसकी जानकारी दी। खेल मंत्रालय द्वारा गठित समिति डब्ल्यूएफआई और उसके अध्यक्ष के खिलाफ यौन दुराचार, उत्पीड़न, धमकी देना, वित्तीय और प्रशासनिक अनियमितताओं की जांच कर रही है।
निगरानी समिति में है कई सारे पूर्व खिलाड़ी शामिल
विनेश फोगाट, बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक और रवि दहिया जैसे नामी पहलवानों ने ये आरोप लगाए हैं। बबीता इस समिति की छठी सदस्य हैं। इस समिति में महान मुक्केबाज एम सी मैरी कॉम , पुर्व पहलवान योगेश्वर दत्त, पूर्व बैडमिंटन खिलाड़ी तृप्ति मुरगुंडे, पूर्व साई अधिकारी राधिका श्रीमन और टारगेट ओलंपिक पोडियम योजना के पूर्व सीईओ राजेश राजगोपालन शमिल हैं।
बबीता फोगाट करेंगी कुश्ती संघ पर लगे आरोपों की जांच
मंत्रालय ने एक बयान में कहा, पूर्व पहलवान बबीता फोगाट को खेल मंत्रालय द्वारा गठित समिति में शामिल किया गया है, जो भारतीय कुश्ती महासंघ का दैनंदिनी (रोज के) कामकाज देखेगी।
क्या है पूरा मामला?
भारत के 30 से ज्यादा पहलवानों ने दिल्ली के जंतर-मंतर में भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण सिंह के खिलाफ धरना शुरू किया था और उन पर यौन शोषण सहित कई गंभीर आरोप लगाए थे। हालांकि, बृजभूषण ने इस आरोपों को सिरे से खारिज किया और पहलवानों पर आरोप लगा दिए। बृजभूषण के आरोपों का पहलवानों पर कोई असर नहीं पड़ा और प्रदर्शन जारी रहा। इस बीच खेल मंत्रालय और कुश्ती संघ ने बातचीत के जरिए मामला सुलझाने की कोशिश की, लेकिन सारी कोशिशें नाकाम रहीं।
पहलवान अपनी मांग पर अड़े रहे। अंत में पहलवानों के सामने बृजभूषण के दांव पेंच कमजोर पड़ गए और उन्हें कुश्ती संघ के अध्यक्ष पद से अस्थायी रूप से हटा दिया गया। खेल मंत्रालय ने इसके बाद महासंघ का कामकाज संभालने के लिए एक निगरानी समिति का गठन किया था, जिसे इन आरोपों की जांच की जिम्मेदारी भी दी गई थी। आपको बता दें कि पहलवानों ने इस समिति के गठन से पहले उनसे परामर्श न करने पर सरकार के प्रति नाराजगी व्यक्त की थी, हालांकि सरकार ने फिलहाल इसपर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।