नारी डेस्क:अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में दर्शन के समय में एक बार फिर बदलाव किया गया है। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने 6 फरवरी से नए समय की घोषणा की है, जिसके तहत अब श्रद्धालु सुबह 6:00 बजे से रात 9:00 बजे तक रामलला के दर्शन कर सकेंगे।
नई दर्शन व्यवस्था
अब तक मंदिर सुबह 5:00 बजे से रात 11:00 बजे तक खुला रहता था, लेकिन श्रद्धालुओं की भीड़ कम होने के कारण अब दर्शन और आरती के समय में बदलाव किया गया है।
सुबह 4:00 बजे: मंगला आरती होगी, इसके बाद मंदिर के पट कुछ समय के लिए बंद रहेंगे।
सुबह 6:00 बजे: श्रृंगार आरती के बाद मंदिर के पट खुल जाएंगे और दर्शन शुरू हो जाएंगे।

दोपहर 12:00 बजे: भोग आरती होगी, इस दौरान श्रद्धालु मंदिर में रह सकते हैं लेकिन प्रसाद वितरण का विशेष आयोजन होगा।
शाम 7:00 बजे: शयन आरती के लिए मंदिर के पट 15 मिनट के लिए बंद किए जाएंगे।
रात 9:00 बजे: राम मंदिर में श्रद्धालुओं का प्रवेश बंद हो जाएगा। जो श्रद्धालु पहले से मंदिर में मौजूद रहेंगे, वे दर्शन कर सकेंगे।
रात 10:00 बजे: शयन आरती के बाद मंदिर के पट बंद कर दिए जाएंगे।
श्रद्धालुओं की सुविधा को ध्यान में रखकर लिया गया फैसला
राम मंदिर ट्रस्ट के सदस्य डॉ. अनिल मिश्रा ने बताया कि प्रयागराज कुंभ से लौट रहे श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए पहले मंदिर के दर्शन का समय बढ़ाकर 18 घंटे कर दिया गया था। लेकिन अब जब भीड़ कम हो रही है, तो दर्शन की अवधि को 15 घंटे कर दिया गया है।
क्या बदला है नई व्यवस्था में?
अब दर्शन के लिए रोजाना 15 घंटे का समय मिलेगा। रात 9 बजे के बाद मंदिर में प्रवेश बंद कर दिया जाएगा। विशेष आरतियों के समय मंदिर के पट कुछ देर के लिए बंद रहेंगे। अब दर्शन व्यवस्था पहले से अधिक सुविधाजनक होगी, जिससे भीड़ नियंत्रित रहेगी। श्रद्धालुओं को अब कम इंतजार करना पड़ेगा, क्योंकि मंदिर प्रशासन भीड़ प्रबंधन को लेकर नई रणनीति अपना रहा है।

राम मंदिर में दर्शन के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश
मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं को दर्शन के निर्धारित समय का पालन करना होगा।विशेष त्योहारों और अवसरों पर दर्शन का समय बढ़ाया जा सकता है, जिसकी घोषणा ट्रस्ट द्वारा की जाएगी।मंदिर परिसर में सफाई और अनुशासन बनाए रखने के लिए विशेष प्रबंधन लागू किया गया है। सुरक्षा के दृष्टिकोण से श्रद्धालुओं को तय नियमों का पालन करना होगा।
इस नए समय के अनुसार, श्रद्धालु अधिक सुविधाजनक तरीके से रामलला के दर्शन कर सकेंगे और मंदिर प्रबंधन भी सुचारू रूप से सेवाएं प्रदान कर सकेगा।