कोरोना पूरे देश में कहर बरपा रहा है। ऑक्सीजन की किल्लत से लोग अपनी जान गंवा रहे हैं। यह समय उन मरीजों के लिए बेहद सतर्कता से चलने वाला है जो पहले ही अस्थमा, डायबिटीज, दिल व फेफड़ों संबंधी परेशानियों से जूझ रहे हैं। इन लोगों का एहतियात बरतना बहुत जरूरी है। सोशल डिस्टेंसिंग को खास तवज्जों देना अति आवश्यक है।
अस्थमा जैसी सांस संबंधी बीमारी से जूझ रहे लोगों को खास सावधान रहना है। अस्थमा में मरीज की सांस नली में सूजन आ जाती है जिसके चलते उसे सांस लेने में तकलीफ होती है। नली में म्यूकस बनने लगता है। सांस लेने में तकलीफ के साथ खांसी आती हैं नलियां सिकुड़ने लगती है जिससे सांस फूलता भी है। ऐसे में अगर ये लोग कोरोना संक्रमित हो जाए तो जान को ज्यादा खतरा है।
डब्लूएचओ के अनुसार, अस्थमा व फेफड़ों की गंभीर बीमारी वाले लोगों को कोरोना का खतरा ज्यादा है क्योंकि यह वायरस नाक, गले या फेफड़ों के साथ रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट को नुकसान पहुंचाता है। इससे अस्थमा का अटैक या निमोनिया भी हो सकता है कोरोना संक्रमण अस्थमा मरीज को सांस लेने में गंभीर तकलीफ दे सकता है इसलिए इन्हें खास प्रोटेक्शन की जरूरत है।
अस्थमा मरीजों के लिए यहां हम कुछ जरूरी टिप्स बता रहे हैं जिन्हें फॉलो करके वह खुद को वायरस से बचा सकते हैं।
1. घर पर रहें, बाहर जाना भी पड़े तो सोशल डिस्टेंसिंग जरूर बनाएं। घर में आप जिन चीजों को ज्यादा छूते हैं, उन्हें साफ और संक्रमण मुक्त रखें जैसे दरवाजे के हैंडल, लाइट स्विच, मोबाइल फोन आदि।
2. उन लोगों से दूर रहें जिन्हें सर्दी जुकाम या फ्लू संक्रमण है। अपनी निजी चीजें जैसे तौलिया, कपड़े, कप बर्तन आदि किसी के साथ साझा ना करें।
3. घर में ह्यूमिडिटी व घुटन वाला माहौल ना रखें। धूल-मिट्टी और धुएं से दूर रहें। धूम्रपान बिलकुल ना करें।
4. मौसम में बदलाव के साथ अस्थमा पेशेंट को एलर्जी बढ़ती है इसलिए अस्थमा ट्रीटमेंट का कड़ाई से पालन करें। इनहेलर, नेसल स्प्रे और एंटी एलर्जिक टैबलेट का नियमित रूप से सेवन करते रहें।
5. अपनी डाइट को सही रखें। खूब फल और सब्जियां खाएं। भरपूर पानी पीएं। गला खराब करने वाली चीजें जैसी खट्टी मीठी चीजों से परहेज करें।
6. खुद को बीमार और सुस्त ना बनाएं रखे। हल्की फुलकी फिजिकल एक्टिविटी करते रहें।
7. मेडिटेशन करें और तनाव से दूरी बनाकर रखें। सारा दिन टीवी, लैपटॉप और मोबाइल की स्क्रीन में समय ना बिताएं ये चीजें भी स्ट्रेस का लेवल बढ़ाती हैं।
8. अस्थमा के लक्षणों को गंभीरता से लें- इस बीमारी का पूरी तरह इलाज तो नहीं लेकिन लक्षणों को देखकर इस बीमारी को काबू में किया जा सकता है। सही प्लान से अस्थमा अटैक से बचा जा सकता है।
डॉकटर से सलाह विमर्श करते रहें- आप चिकित्सक परामर्श से प्रोनिंग प्रोसेस की जानकारी भी ले सकते हैं। यह प्रोसेस उस स्थिति में मदद गार जब मरीज का आक्सीजन लेवल 94 से नीचे गिर जाता है।
कोरोना का दूसरा रूप बेहद नुकसानदेह है इसलिए खुद का बचाव जरूरी है।