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कोरोना से होने वाली 15% मौतों का कारण वायु प्रदूषण, 5 टिप्स रखेंगे बचाव

  • Edited By Anjali Rajput,
  • Updated: 28 Oct, 2020 10:22 AM
कोरोना से होने वाली 15% मौतों का कारण वायु प्रदूषण, 5 टिप्स रखेंगे बचाव

दुनियाभर में दिनो-दिन बढ़ रहे वायु प्रदूषण के कारण फेफड़ों का कैंसर, इंफेक्शन जैसे मरीजों की संख्या भी बढ़ती जा रही है। इसी बीच एक शोध में सामने आया है कि कि कोरोना से होने वाली 15 फीसदी मौतों का कारण भी वायु प्रदूषण है। जी हां, वायु प्रदूषण अब सिर्फ फेफड़ों में इंफेक्शन और कैंसर का कारण ही नहीं बल्कि ये कोरोना की स्थिति को भी बिगाड़ रहा है।

कोरोना से 15% मौतों का संबंध वायु प्रदूषण से

अध्ययन में सामने आया कि कोविड-19 के कारण यूरोप में 19%, उत्तरी अमेरिका 17% और पूर्वी एशिया में करीब 27% मौतों का संबंध वायु प्रदूषण से है। प्रदूषण कमजोर इम्यूनिटी और सांस लेने में तकलीफ और फेफड़ों में संक्रमण का कारण बनता है। वहीं, कोरोना की वजह से भी यही प्रॉब्लम्स देखने को मिली है इसलिए वैज्ञानिकों ने इन दोनों के अंतर्संबंध को लेकर शोध किया।

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वायु प्रदूषण का सेहत पर असर

शोधकर्ताओं का कहना है कि कोरोना के कारण होने वाली मौत और वायु प्रदूषण की लोगों की सेहत पर पड़ रहे असर का विश्लेषण किया गया है। इसके आधार पर यही नतीजे निकले हैं कि कोविड-19 मृत्यु दर और वायु प्रदूषण के बीच सीधा जुड़ाव है। हालांकि, शोध में वायु प्रदूषण के कारण होने वाली बीमारियों की गंभीरता को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रुप को भी जांचा गया है। वहीं, जांच के लिए 2003 में फैली सार्स के आंकड़े भी शामिल किए गए हैं।

हवा से भी फैल सकता है संक्रमण

अध्ययन में पाया गया है कि कोरोना के कण हवा में अधिक देर तक रह सकते हैं। उन्होंने एक मॉडल के जरिए हवा (पीएम 2.5) में अति सूक्ष्म कणों की मौजूदगी वाले माहौल का विश्लेषण किया। शुरूआत में भी यही कहा गया था कि यह वायरस हल्का होने के कारण अधिक समय तक हवा में रह सकता है जो सांस के जरिए संक्रमण फैला सकता है। हालांकि शोधकर्ता अभी इसकी जांच में लगे हुए हैं।

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लंग कैंसर की चपेट में भारत

फेफड़ों का कैंसर दुनियाभर में सामने आने वाला सबसे आम कैंसर है। रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में हर साल लंग कैंसर के करीब 67 हजार नए मामले सामने आते हैं, जिनमें 48 हजार से ज्यादा पुरुष और 19 हजार से ज्यादा महिलाएं शामिल होती हैं। डॉक्टर्स का कहना है कि उन्होंने शुरुआती 30 के दशक में धूम्रपान न करने वाले व्यक्तियों में हर महीने 2-3 फेफड़े के कैंसर के मामले देखे हैं लेकिन 20 के दशक में यह पहला मामला है।

जहरीली हवा से कैसे करें बचाव?

- घर से बाहर निकलते समय मास्क पहनना ना भूलें। साथ ही उच्च यातायात स्तर वाले क्षेत्रों में जाने से बचें क्योंकि वहां प्रदूषण का स्तर ज्यादा होता है।
- दिनभर में 8-9 गिलास पानी (3-4 गिलास गर्म पानी) पीना ना भूलें। साथ ही लिक्विड डाइट अधिक लें।
- डाइट में भी हरी सब्जियां, साबुत अनाज, मौसमी फल अधिक लें।
- एक्सरसाइज, योग को अपनी लाइफस्टाइल का हिस्सा बनाएं, ताकि आप सिर्फ फेफड़ों की परेशानियों ही नहीं बल्कि कई बीमारियों से बचे रहें।
- घर को पॉल्यूशन फ्री रखने के लिए एयर प्यूरिफायर और पौधे लगाना ना भूलें।

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