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कोरोना के नए वैरिएंट XE का फैला खौफ, मुंबई के बाद अब गुजरात में मिला मरीज

  • Edited By vasudha,
  • Updated: 09 Apr, 2022 01:46 PM
कोरोना के नए वैरिएंट XE का फैला खौफ, मुंबई के बाद अब गुजरात में मिला  मरीज

कोरोना के नए वैरिएंट XE का कहर थमता हुआ दिखाई नहीं दे रहा है। मुंबई के बाद अब गुजरात में XE वेरिएंट का पहला  सामने आया है। देश में दो मामले मिलने के बाद केंद्र सरकार ने दिल्ली समेत चार राज्यों के लिए अलर्ट जारी कर दिया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार ओमीक्रोन का ताजा स्वरूप एक्सई पहले के स्वरूपों के मुकाबले अधिक संक्रामक है।

 

पिछले महीने संक्रमित पाया गया था व्यक्ति

एक अधिकारी ने बताया कि-  मुंबई से वडोदरा आया एक व्यक्ति एक्सई स्वरूप से संक्रमित मिला है। यह व्यक्ति पिछले महीने संक्रमित पाया गया था और बाद में मुंबई लौट गया था। लेकिन उसके एक्सई उप-स्वरूप से संक्रमित पाए जाने की रिपोर्ट शुक्रवार को मिली। वडोदरा में प्राधिकारियों को अभी इस व्यक्ति की मौजूदा स्थिति की जानकारी नहीं है।

 

जांच के लिए भेजे नमूने

वडोदरा नगर निगम के स्वास्थ्य चिकित्सा अधिकारी देवेश पटेल ने कहा कि मुंबई में सांता क्रूज का एक व्यक्ति वडोदरा के दौरे के दौरान 12 मार्च को कोविड-19 से संक्रमित पाया गया था। उसकी पत्नी भी साथ में थी। उसके नमूने के जीनोम अनुक्रमण के कल मिले नतीजों के अनुसार, वह ओमीक्रोन के उप-स्वरूप एक्सई से संक्रमित था। पटेल के अनुसार, यह व्यक्ति कुछ काम के सिलसिले में वडोदरा आया था और एक होटल में रुका था। बुखार आने पर उसने एक निजी प्रयोगशाला में अपनी कोविड-19 जांच कराई।

 

 मुंबई लौट गया था मरीज

पटेल ने कहा- वह 12 मार्च को संक्रमित पाया गया था। उसके नमूने को जीनोम अनुक्रमण के लिए भेजा गया था। कल आए नतीजे के अनुसार वह नए उत्परिवर्ती स्वरूप एक्सई से संक्रमित था। उसने नमूने की रिपोर्ट देने के लिए अपने स्थानीय रिश्तेदारों का पता दिया था। वह उसके बाद खुद मुंबई लौट गया। स्थानीय प्राधिकारियों को मरीज की मौजूदा स्थिति की जानकारी नहीं है।

 

क्या कहती है रिपोर्ट

रिपोर्ट की मानें तो ओमीक्रोन के स्वरूप, बीए.1 और बीए.2 में बदलाव से यह एक्सई स्वरूप बना है। प्रारंभिक अध्ययन के मुताबिक बीए.2 के मुकाबले एक्सई की वृद्धि दर 9.8 प्रतिशत है। जांच के दौरान इसकी पहचान भी मुश्किल होती है इसलिए इसे ‘स्टील्थ वेरियंट’ कहा जाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि बदलाव के बाद बना यह स्वरूप पूर्व के स्वरूपों की तुलना में ज्यादा संक्रामक हो सकता है।

 

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