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महिला को भारी पड़ी नाक की सर्जरी, जान बचाने के लिए काटनी पड़ीं टांगें

  • Edited By Bhawna sharma,
  • Updated: 29 Dec, 2020 07:04 PM
महिला को भारी पड़ी नाक की सर्जरी, जान बचाने के लिए काटनी पड़ीं टांगें

लड़कियां एक्ट्रेस की तरह दिखने के लिए कई तरह के ब्यूटी ट्रीटमेंट और एक्सपेरिमेंट करती हैं। कई बार तो वह उन्हें पूरी तरह से काॅपी करने के चक्कर में सारी हदें पार कर देती है। खूबसूरत दिखना हर लड़की की ख्वाहिश होती है। ऐसे में वे कई बार सर्जरी का सहारा लेती हैं जो उनके लिए खतरनाक साबित होता है। ऐसा ही एक मामला इस्तानबुल से सामने आया है। जहां एक लड़की को नाक की सर्जरी करवाना भारी पड़ गया। 

नाक सर्जरी के कारण काटने पड़े पैर

नाक छोटी कराने के लिए सेविंक सेक्लिक नाम की 25 वर्षीय लड़की ने 'नोज़ रिडक्शन सर्जरी' करवाई थी। लेकिन वह यह नहीं जानती थी कि सर्जरी की वजह से उसे अपने पैर गंवाने पड़ेंगे। 

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सर्जरी के बाद खराब हुई तबीयत

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार सेविंक ने 2 मई 2014 को नाक की सर्जरी करवाई थी। उस समय उसकी हालत में सुधार देखते हुए डाॅक्टर्स ने उसे घर भेज दिया था। मगर सेंविंक को घर जाकर बुखार चढ़ने लगा लेकिन डाॅक्टर्स ने यही कह रहा था कि उसकी तबीयत बिल्कुल ठीक है। 

बिगड़ रही थी हालत

वहां के लोकल मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार सेविंक से अस्पताल वालों ने कहा कि यह साधारण लक्षण है इसलिए घबराने की जरूरत नहीं है। अक्सर सर्जरी के बाद इस तरह के लक्षण देखने को मिलते हैं। हालांकि डाॅक्टर्स के कहने के बाद भी उसके हालत बिगड़ती जा रही थी। 

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टांगों का रंग हो गया था काला

सेविंक के भाई का कहना है कि सर्जरी के बाद उसकी बहन का खाना-पीना छूट गया था। जिस वजह से वो बीमार रहने लगी थी। उसकी टांगों का रंग काला पड़ गया था। हालत ज्यादा बिगड़ने के बाद उसे अस्पताल में भर्ती करवाया गया। 

काटने पड़े पैर

जिसके बाद डाॅक्टर्स ने बताया कि सेविंक ब्लड पॉयजनिंग की समस्या से पीड़ित है। उसकी जन बचाने के लिए उसके पैर काटने पड़ेंगे। इसके अलावा कोई और ऑप्शन नहीं है। जिसके बाद डाॅक्टर्स ने सेविंक की जान बचाने के लिए उसके पैरों को काट दिया। 

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सेविंक ने इसे लेकर अस्पताल प्रशासन के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई। इसके साथ ही उसने मुआवजे के रूप में एक करोड़ रुपए (177,399 ऑस्ट्रेलियन डॉलर) की मांग की है। इस पूरे मामले पर अस्पताल स्टाफ का कहना है कि इसमें उनकी गलती नहीं है। अस्पताल वालों ने कहा ये हॉस्पिटलाइज्ड होने से कुछ दिन पहले चिकन खाने असर है। वहीं इस मामले पर कोर्ट ने एक्सपर्ट की रिपोर्ट मांगी है। रिपोट मिलने के बाद अप्रेल 2021 को इस पर फैसला लिया जाएगा। 

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