22 DECMONDAY2025 12:10:19 PM
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डेंगू और चिकनगुनिया की दोहरी मार से जूझ रहे युजवेंद्र चहल, जानिए कितनी गंभीर है यह बीमारी

  • Edited By Priya Yadav,
  • Updated: 22 Dec, 2025 10:22 AM
डेंगू और चिकनगुनिया की दोहरी मार से जूझ रहे युजवेंद्र चहल, जानिए कितनी गंभीर है यह बीमारी

 नारी डेस्क: भारतीय क्रिकेट टीम के अनुभवी लेग स्पिनर युजवेंद्र चहल इस समय गंभीर स्वास्थ्य समस्या से गुजर रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, उन्हें डेंगू और चिकनगुनिया दोनों बीमारियां एक साथ हो गई हैं। इसी कारण वह सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी का फाइनल मुकाबला नहीं खेल पाए। डॉक्टरों ने उनकी हालत को देखते हुए उन्हें पूरी तरह आराम करने की सलाह दी है, जिससे वह फिलहाल क्रिकेट के मैदान से दूर रहेंगे।

सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी के फाइनल से क्यों रहे बाहर

युजवेंद्र चहल हरियाणा टीम का अहम हिस्सा हैं, लेकिन खराब सेहत के कारण वह फाइनल मुकाबले में टीम का साथ नहीं दे सके। उनकी गैरमौजूदगी में हरियाणा की टीम फाइनल में झारखंड से मुकाबला खेली, जहां उसे हार का सामना करना पड़ा। चहल की तबीयत लगातार बिगड़ती जा रही थी, इसलिए टीम मैनेजमेंट ने कोई जोखिम न लेते हुए उन्हें खेलने से रोक दिया।

कई हफ्तों से बीमार चल रहे हैं युजवेंद्र चहल

चहल ने आखिरी बार नवंबर महीने में सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी के ग्रुप स्टेज का एक मैच खेला था। इसके बाद से ही वह लगातार टीम से बाहर चल रहे थे। शुरुआत में इसे सामान्य वायरल माना गया, लेकिन बाद में जांच में सामने आया कि उन्हें डेंगू और चिकनगुनिया दोनों संक्रमण हो चुके हैं। इसी कारण उनकी रिकवरी में समय लग रहा है और वह कई हफ्तों तक मैदान से दूर रह सकते हैं।

सोशल मीडिया के जरिए दी सेहत की जानकारी

युजवेंद्र चहल ने खुद भी अपने फैंस को अपनी तबीयत के बारे में जानकारी दी। उन्होंने इंस्टाग्राम स्टोरी के माध्यम से बताया कि वह फिलहाल ठीक नहीं हैं और डॉक्टरों की सलाह पर पूरा आराम कर रहे हैं। फैंस और क्रिकेट जगत से उन्हें लगातार शुभकामनाएं मिल रही हैं।

डेंगू और चिकनगुनिया एक साथ होना कितना खतरनाक

अगर किसी व्यक्ति को डेंगू और चिकनगुनिया एक साथ हो जाए, तो इसे को-इन्फेक्शन कहा जाता है। यह स्थिति सामान्य संक्रमण से कहीं ज्यादा गंभीर हो सकती है। दोनों ही बीमारियां मच्छरों के काटने से फैलती हैं और शरीर पर अलग-अलग तरीके से असर डालती हैं। एक साथ होने पर तेज बुखार, जोड़ों में असहनीय दर्द, अत्यधिक कमजोरी और प्लेटलेट्स गिरने का खतरा कई गुना बढ़ जाता है।

डेंगू-चिकनगुनिया के दौरान सही जांच क्यों जरूरी है

ऐसी स्थिति में समय पर सही जांच बहुत जरूरी होती है। डॉक्टर आमतौर पर CBC टेस्ट से प्लेटलेट काउंट, डेंगू NS1 या IgM टेस्ट और चिकनगुनिया IgM टेस्ट करवाने की सलाह देते हैं। इन जांचों से बीमारी की गंभीरता का पता चलता है और इलाज सही दिशा में किया जा सकता है। जांच में देरी मरीज की हालत को और बिगाड़ सकती है।

शरीर में पानी की कमी न होने दें

डेंगू और चिकनगुनिया में शरीर तेजी से कमजोर हो जाता है और डिहाइड्रेशन का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए मरीज को पर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थ लेना बहुत जरूरी होता है। नारियल पानी, ओआरएस, सूप और गुनगुना पानी शरीर को ऊर्जा देता है और कमजोरी को कम करता है। पानी की कमी होने पर चक्कर, बेहोशी और हालत बिगड़ सकती है।

खाने-पीने में रखें विशेष ध्यान

बीमारी के दौरान भारी और तला-भुना खाना नुकसानदायक हो सकता है। मरीज को हल्का, साफ और आसानी से पचने वाला भोजन करना चाहिए। खिचड़ी, दलिया और सब्जियों का सूप शरीर को जरूरी पोषण देता है। पपीता, कीवी और अनार जैसे फल प्लेटलेट्स को सहारा देने में मदद कर सकते हैं। इस दौरान शराब और जंक फूड से पूरी तरह दूरी बनानी चाहिए।

ज्यादा से ज्यादा आराम करना है जरूरी

डेंगू और चिकनगुनिया से उबरने के लिए शरीर को पूरा आराम चाहिए। ज्यादा मेहनत या जल्दी मैदान में लौटने की कोशिश से सेहत और बिगड़ सकती है। इसलिए डॉक्टर की सलाह के अनुसार पूरा बेड रेस्ट लेना बहुत जरूरी है, जैसा कि युजवेंद्र चहल भी कर रहे हैं।

मच्छरों से बचाव क्यों है जरूरी

चूंकि डेंगू और चिकनगुनिया दोनों मच्छरों से फैलते हैं, इसलिए दोबारा संक्रमण से बचाव बहुत जरूरी है। घर में मच्छरदानी का इस्तेमाल करें, आसपास पानी जमा न होने दें और साफ-सफाई का ध्यान रखें। इससे परिवार के अन्य सदस्यों को भी सुरक्षित रखा जा सकता है।

इन गंभीर लक्षणों को बिल्कुल नजरअंदाज न करें

अगर किसी मरीज में प्लेटलेट्स तेजी से गिरने लगें, लगातार उल्टी हो, मसूड़ों से खून आए, तेज पेट दर्द हो, बहुत ज्यादा कमजोरी महसूस हो या चक्कर आए, तो इसे बिल्कुल भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। ऐसे लक्षण गंभीर स्थिति का संकेत हो सकते हैं और तुरंत अस्पताल जाकर इलाज कराना जरूरी होता है।

युजवेंद्र चहल की हालत यह साफ दिखाती है कि डेंगू और चिकनगुनिया को हल्के में लेना खतरनाक हो सकता है। समय पर जांच, सही इलाज, पूरा आराम और सावधानी ही जल्दी ठीक होने का सबसे सुरक्षित तरीका है। सही देखभाल से मरीज पूरी तरह स्वस्थ होकर फिर से सामान्य जीवन में लौट सकता है।
 

    
 

 

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