ब्रेस्ट कैंसर एक ऐसी जानलेवा बीमारी है, जो महिलाओं में तेजी से बढ़ रही है। जागरुकता की कमी के चलते करीब 60% महिलाएं बीमारी के लक्षण पहचान नहीं पाती। उन्हें इस बीमारी के बारे में तब पता लगता है जब वह तीसरी या चौथी स्टेज में पहुंच कर एक खतरनाक बीमारी का रुप ले चुका होता है। महिलाओं को इसकी पूरी जानकारी होना बहुत जरूरी है ताकि समय रहते इसका इलाज कर महिला की जान बचाई जा सके। हाल ही में ब्रेस्ट कैंसर के कारकों को लेकर एक अध्यन किया गया।
भारतीय व पाकिस्तानी महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर का खतरा ज्यादा
ब्रेस्ट कैंसर के कारकों को समझने के लिए किए गए अध्ययन के अनुसार भारतीय और पाकिस्तानी महिलाओं में कम उम्र में ही घातक स्तन कैंसर होने का खतरा रहता है। ‘इंटरनेशनल जर्नल ऑफ कैंसर' में प्रकाशित अध्ययन में भारतीय तथा पाकिस्तानी-अमेरिकी महिलाओं व अमेरिका में गैर-लातिन अमेरिकी श्वेत महिलाओं में स्तन कैंसर के लक्षणों का अध्ययन किया गया। इसके लिए नेशनल कैंसर इंस्टीट्यूट के सर्विलांस, एपिडेमियोलॉजी एंड ऐंड रिजल्ट्स प्रोग्राम के आंकड़ों का उपयोग किया गया।
शोधकर्ताओं के अनुसार उन्होंने 1990 से 2014 के बीच भारतीय और पाकिस्तानी महिलाओं से संबंधित आंकड़ों का अध्ययन किया। प्रमुख शोधकर्ता जया एम सतगोपन ने कहा, ‘‘हमारे अध्ययन के परिणाम भारतीय और पाकिस्तानी महिलाओं में स्तन कैंसर को लेकर जानकारी प्रदान करते हैं जो कैंसर के कारकों को बेहतर तरीके से समझने के लिए भविष्य के वैज्ञानिक अध्ययनों को दिशा निर्देशित करने वाली अनेक अवधारणाएं सुझाते हैं।''
महिलाओं को स्वास्थ्य सेवाएं हासिल करने में हुई देरी
अध्ययनकर्ताओं ने 4,900 भारतीय और पाकिस्तानी महिलाओं के 2000 से 2016 के बीच के कैंसर के लक्षणों, उपचार और बीमारी से उभरने के आंकड़ों की भी समीक्षा की। पूर्व के अध्ययनों में भारतीय और पाकिस्तानी महिलाओं की कम भागीदारी रही थी और यह भी पता चला कि विभिन्न कारणों से उन्हें स्वास्थ्य सेवाएं हासिल करने में भी देरी हुई।