शरीर का कोई अंग खो जाने के बाद जीना आसान नहीं होता लेकिन मंजिल तक भी वही पहुंचते हैं जिनके सपनों में जान होती है। हम आपको एक ऐसी ही महिला के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्होंने एक सड़क हादसे में दोनों पैर खो दिए लेकिन हौंसला नहीं। हम बात कर रहे हैं 33 साल की अर्पिता रॉय की, जिनमें जज्बा, जुनून, पॉजिटिव अप्रोच कूट-कूटकर भरी हुई है।
एक हादसे ने छीन लिए दोनों पैर
पश्चिम बंगाल की रहने वाली अर्पिता योग टीचर हैं और अपने इस काम से वह दुनिया को योग और खुश रहना सिखाती हैं। दरअसल, साल 2006 में वह बाइक से गिर गई और तभी पीछे से आ रही एक गाड़ी ने उनके पैरों को कुचल दिया। उन्हें तुरंत हॉस्पिटल में भर्ती करवाया गया है और 4 महीनों तक तो वो अस्पताल में रही।
80% बॉडी में हो चुका था गैंगरीन
उनकी 80% बॉडी में गैंगरीन हो चुका था, जिसके कारण उनके दोनों पैर काटने पड़े। उस दौरान अर्पिता टूट चुकी थी। उनका कहना है कि शरीर का एक अंग भी दूर हो जाए तो जीना मुश्किल हो जाता है। जीने के लिए बहुत कुछ करना पड़ता है। उन्होंने जैसे तैसे हिम्मत जुटाई क्योंकि उनके पास कोई ओर चारा नहीं था। उन्हें नकली पैर (Amputate Legs) लगाएं गए।
अजीब नजरों से देखते थे लोग
अर्पिता बताती हैं कि जब वह नकली पैरों के साथ चलती थी तो लोग उन्हें अजीब नजरों से देखते थे। कई लोगों ने तो उन्हें इग्नोर करना भी शुरू कर दिया था। ऐसे में उन्होंने पहले खुद को स्वीकारा और अपनी नई बॉडी को अपनाकर योगा करने लगी। इससे उन्हें शारीरिक और मानसिक शांति मिली। धीरे-धीरे लोग उनकी तारीफ करने लगे और फिर उन्होंने इसे ही अपनी पैशन बना लिया।
योग से सीखा रही लोगों को खुश रहना
अर्पिता सोशल मीडिया पर अपने योगा के नए-नए वीडियोज व फोसोज शेयर करती रहती हैं। आज वह योग के जरिए लोगों को हर परिस्थिति में मजबूत और खुश रहने की प्ररेणा देती हैं। इसके अलावा वह कई लोगों को योगा सीखाती भी हैं। उनका कहना है कि योग के कारण ही उनका जिंदगी जीना नजरिया बदला। अगर बुरा वक्त आया है तो वो जाएगा भी।
जिंदगी को बेफिक्र अंदाज से जीने का अर्पिता का तरीका वाकई लाखों लोगों के लिए प्रेरणा है।
Picture Credit: @royarpita_yoga